खूबसूरत लुभावने ,मंत्रमुग्ध करने वाले द्रश्यों को अपने दिल दिमाग और कैमरे में कैद कर के वापस आई हूँ आज आप लोगों से सांझा कर रही हूँ आशा है आपको पसंद आयेंगे !
अपनी यात्रा शुरू करने से पहले मैं अंडमान के इतिहास के विषय में कुछ बाते बताना चाहती हूँ !
अंडमान निकोबार जो बे ऑफ़ बंगाल में बहुत से द्वीपों के समूह से घिरा हुआ है इस टेरिटरी की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है !
कहते हैं सबसे पहले मार्को पोलो नामक पश्चिमी यात्री इस द्वीप पर पहुंचा था !
उसके बाद कान्होजी अंग्रे नामक मराठी, नेवी के एडमिरल ने अपना नेवल बेस वहां बनाया १८ वि सदी में
ब्रिटिश और पुर्तगीज नेवल सेना ने उसको युद्ध में हरा दिया !
१७८९ में ब्रिटिश ने अपनी कालोनी वंहा स्थापित की जो १७९६ में उन्होंने छोड़ दी किन्तु १८ वी सदी में भी वहां उनका कंट्रोल चलता रहा उसी दरमियान उन्होंने वहां दांडिक कालोनी बनाई जिसको काला पानी या सेल्लुलर जेल भी कहा जाता है !जो भी व्यक्ति ब्रिटिश सरकार के इच्छानुरूप काम नहीं करता था उसको अपराधी करार
देकर उस कालापानी जेल में डाल दिया जाता था बाद में तरह तरह की यातनाये देकर मार दिया जाता था !
सेकंड वर्ल्ड वार के दोरान जापानी शासन ने अंडमान पर मार्च २१ १९४२ से ओक्टुबर १९४५ तक राज्य किया !
कहते हैं जापानी शासक ने अंडमान के लोगों को अपने विश्वास में लेकर उनका काफी उत्थान किया वहां बहुत
उन्नति की लोगों को कृषि करना सिखाया स्वावलंबी बनाया !किन्तु धीरे धीरे वंहा के लोगों को उनपर शक होने लगा तब उन्होंने उनका बहिष्कार करना शुरू किया !बाद में ब्रिटिश सरकार के सामने उन्होंने घुटने टेक दिए और अपने देश लौट गए !
१९४७ में जब देश आजाद हुआ तब अंडमान को इंडिया यूनियन का हिस्सा बना दिया गया !आज अंडमान
इंडिया की सात टेरिटरी में से एक है !तथा सेलुलर जेल को एक म्युसियम में तब्दील कर दिया है जिसे देखने दूर दूर से लोग आते हैं !
२४ नवम्बर २०११------
सुबह के तीन बजे मैं बच्चों के साथ इंदिरा गाँधी एयर पोर्ट पर पंहुची वहां से पांच बजे एयर इंडिया की फ्लाईट से पोर्ट ब्लेयर जाना था !आज कल देल्ही से डाइरेक्ट फ्लाईट शुरू हो चुकी है जो भुवनेश्वर उड़ीसा होते हुए पोर्ट ब्लेयर पहुचती है ! भुवनेश्वर में आधे घंटे का हाल्ट है !
ये देखिये सुबह के तीन बजे एयर पोर्ट का नजारा -----
ऐसे द्रश्य कई जगह मिले !टाइम ही ऐसा था नींद तो आनी ही है एयर पोर्ट हुआ तो क्या हुआ !
चेक इन करके जल्दी से बेबी इनिका का फोटो लिया हाथी का यह स्टेचू बहुत सुन्दर है !
लगभग पांच घंटे की यात्रा थी दो घंटे बाद प्लेन ने भुवनेश्वर में लेंड
किया वहां से यात्री लेकर फिर उड़ान भरी और ढाई घंटे बाद हम ने वीर सावरकर विमान पत्तनम पोर्ट ब्लेयर में लेंड किया !
हमे पीयरलेस रिसोर्ट में ठहरना था !यह रिसोर्ट समुद्र के किनारे पर ही स्थित है बहुत खूबसूरत जगह है सुनामी के वक़्त इसमें काफी नुक्सान हुआ था उसके बाद फिर से इसे बनाया गया है !
रिसोर्ट से लगा हुआ बीच बहुत साफ़ और सुन्दर
कुछ तस्वीरे वहां की -----(बाकी अगली पोस्ट में )