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सोमवार, 28 मई 2012

हाइकु (सिर मुंडाते ही,हास्य )


हाइकु (सर मुंडाते ही,हास्य  )
(1) 
सिर मुंडाया 
दुकान से निकले 
ओले बरसे 
()
पहली बार 
वो छतरी में आई 
बारिश थमी 
()
इम्तहान था 
लिखना शुरू किया 
कलम टूटी 
()
भागते हुए 
प्लेटफार्म पंहुचा 
ट्रेन निकली 
()
श्रृंगार हेतु 
ज्यों घूंघट पलटा
शीशा चटका 
()
मिन्नतों बाद 
बाईक पे लिफ्ट दी 
टायर फुस्स
()
गिरा आँचल 
लपक के उठाया 
थप्पड़ पड़ा 
()
जल्दी पंहुची 
पहला साक्षात्कार 
जबान सूखी 
()
पहली बार 
बाग़ में आम आये 
बन्दर घुसे 
(१०)
पहली बार 
चुनाव मैदान में 
जमानत टें
****** 

15 टिप्‍पणियां:

  1. सुना सुनाया
    पर बात बनी ना
    अब आगे क्या?

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  2. पहली बार
    बाग़ में आम आये
    बन्दर घुसे

    बेहतरीन रचना...सुंदर प्रस्तुति..आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. पहली बार
    वो छतरी में आई
    बारिश थमी

    इसमें हास्य कहाँ...दुखद है ये तो!!!
    :-)

    सादर.

    जवाब देंहटाएं
  4. पहली बार
    वो छतरी में आई
    बारिश थमी
    waah ...
    rochak bhaav ..

    जवाब देंहटाएं
  5. हा हा हा ! हाइकु में भी हास्य ! ग़ज़ब !!

    जवाब देंहटाएं
  6. पहली बार
    वो छतरी में आई
    बारिश थमी ...

    lovely !!!

    .

    जवाब देंहटाएं
  7. एक भाव चित्र खडा करते सीधे साधे हाइकु .अभिनव अंदाज़ लिए सीधी बात सा .

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