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रविवार, 13 नवंबर 2011

लावारिस

24 टिप्‍पणियां:

  1. भावुक मन से लिखी गई ...दर्द भरी दास्ताँ ....
    शुभकामनाएँ!

    (एक अर्ज़ करना चाहूँगा उम्मीद है ,आप बुरा नही मानेंगी .....
    काले पे पीला पढ़ने में मुझे तो दिक्कत दे रहा है ....क्षमा !

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  2. बहुत ही सुन्दर एवं भावपूर्ण रचना! उम्दा प्रस्तुती!

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  3. भावमय करते शब्‍दों का संगम ।

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  4. किसी की गलती की सजा किसी और को मिले...ऐसा लगता है...

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  5. बहुत ही मर्मस्पर्शी और सार्थक कविता।

    सादर

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  6. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
    बालदिवस की शुभकामनाएँ!

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  7. बहुत ही संवेदनशील एवं भावपूर्ण रचना! ...

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  8. सुन्दर... अत्यंत भावपूर्ण सार्थक रचना...
    सादर...

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  9. संवेदना जगाता हुआ एक यक्ष प्रश्न न जाने कब उत्तरित होगा....

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  10. आपकी कविता दिल को छू गयी...एक डॉ होने की वजह से जीवन में ऐसी कहानियां भी आई जो इन भावों को लिए थी..

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  11. बहुत सुंदर संवेदनशील मन को झकझोरती खुबसूरत रचना,बधाई ...
    मेरे पोस्ट में स्वागत है,...

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  12. डर है,जब तक हमें चूक का अहसास हो,इतनी देर न हो जाए कि सुधार करने में पीढ़ियां गुज़र जाएं।

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  13. आप की पोस्ट ब्लोगर्स मीट वीकली (१८) के मंच पर शामिल की गई है/.आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /आपका
    ब्लोगर्स मीट वीकलीके मंच पर स्वागत है /आइये /आभार /

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