डल लेक आइये आपको डल लेक जो श्रीनगर में है उसकी सैर कराती हूँ सबसे पहले कुछ जानकारी की बातें हो जाए ।डल लेक श्रीनगर की दूसरी सबसे बड़ी झील है जिसके शोर लाइन की लम्बाई १५.५ किलोमीटर और चौड़ाई १८.५ किलोमीटर है |इसे दूसरे निक नाम से भी जाना जाता है ...ज्वैल इन दा क्राउन ऑफ़ कश्मीर |इसमें चलते हुए रंगबिरंगे शिकारे बड़े मनमोहक लगते हैं और इसके कुछ किनारों पर रात को ठहरने के लिए हाउसबोट बने हुए हैं जो पानी के अन्दर ही हैं \शिकारों से आप पूरी झीक की सैर कर सकते हैं इस झील में ही कुछ अद्दभुत दर्शनीय पॉइंट हैं जैसे ..वाटर स्पोर्ट्स पॉइंट ,लोटस गार्डेन ,नेहरु गार्डन ,और खूबसूरत मार्केट ---देखिये चित्र
यहाँ इस वक़्त एक घटना घटी की मेरी नातिन का पहला दांत टूट गया शिकारे वाले ने खुश होकर बताया की यहाँ तो दूर दूर से लोग अपने बच्चों के दूध के पहले टूटे दांत को कपडे में लपेट कर डालने आते हैं और मेरी नातिन के साथ ये इत्तेफाक ही हुआ फिर उसने ख़ुशी से वो लेक में डाल दिया।
मेरी फोटोग्राफी का शायद आप भी आनंद उठायेंगे ।
ये देखिये अब हम लोटस गार्डन पहुच गए ।
बेबी महिका ने चलते चलते पलाश पत्ता तोड़ लिया शरारत में मेरे ऊपर पानी भी फेंक रही है।
अब चलते हैं नेहरु गार्डन में यह गार्डन पानी पर झील में ही बना हुआ है बहुत ही खूबसूरत है देखिये यहाँ केफेटेरिया भी है
देखिए गरमागरम पकौड़े वाला भी आ गया ।
फल वाला भी आ गया ।
अब आगे चलते हैं ---मार्केट में
देखिये बेंक भी साथ चल रहा है -- अब अंत में डल लेक का बस एक और फोटो जो लगता है मैंने अच्छा खींचा है
देखो आया ना पसंद ??अब कश्मीर के कुछ खास जगह चलते हैं वहां के लोगों से मिलते हैं ।
यहाँ हम ईको पार्क गए जो बारामुला में है उरी की और जाते हुए देखिये चित्र
वहां के बच्चों का एक ग्रुप मिला टीचर के साथ और हम से घुल मिल गए बहुत खुश दीख रहे थे हमारे पूछने पर बताया की ऐसा अवसर घूमने का कभी कभी मिलता है जब शान्ति होती है लगा वहां के माहोल में बच्चे कुम्हला एहे हैं फिर भी उस दिन बहुत खुश थे देखिये चित्र ।
चलिए अब और आगे चलते हैं ।
हमे एक जगह एक घर ने बहुत आकर्षित किया बहुत खूबसूरत लगा कैमरे में कैद करना चाहती थी पता चला उस गाँव के सरपंच का मकान है बहुत नेक आदमी लगे बहुत अच्छे से मिले घर भी बुला रहे थे बोले हमे आपसे बहुत ख़ुशी हुई मिलके हमे कुछ खिदमत करने का मौका दीजिये मगर हमारे पास वक़्त कम था अतः क्षमा मांगकर उनकी तस्वीर लेकर चले आये देखिये चित्र --
इसके बाद अगले दिन हमे जंगलों में ट्रेकिंग करनी थी प्रकृति की गोद में बिताना था पूरा दिन हमारा बहुत पुराना सपना पूरा होने वाला था अतः अगले दिन की इन्तजार में जल्दी लौट आये ।
ट्रेकिंग का दिन ---
आज का दिन बहुत ख़ास था हमे पहाड़ों के घने जंगलों में ट्रेकिंग करनी थी हाथों में एक एक छड़ी दे दी गई सुरु में हमने बोला इसकी जरूरत नहीं पर हमे लेनी पड़ी जिसकी उपयोगिता आगे चलकर पता चली जंगलों में भालू ,लेपर्ड वाइल्ड केट का भी खतरा था पर हमे दर नहीं थी सिक्योरिटी हमारे साथ थी
आप भी उन चित्रों का मजा लीजिये
अभी तो शुरुआत है ---
अब अंत में एक महत्वपूर्ण जगह का चित्र जहां पर पाकिस्तानी हिन्दुस्तान में और हिन्दुस्तानी पकिस्तान में बस द्वारा बोर्डर क्रास करते हैं और इस जगह अपना लगेज चेक करने और बस की इन्तजार करने बैठते हैं
और इस तरह कश्मीर की वादियों की यादें दिल में बसा कर वापस लौट आये चित्र तो मेरे पास हजारों हैं सोचती हूँ आप भी कब तक सहन करेंगे अब मैं इस अंतिम चित्र के साथ अपना संस्मरण यहीं समाप्त करती हूँ शुभ विदा ।जय हिंद