you are welcome on this blog.you will read i kavitaayen written by me,or my creation.my thoughts about the bitterness of day to day social crimes,bad treditions .
namaste rajesh kumari ji bahut sundar kundaliyan likhi hai aapne is vidha me pahali baar aapko padha , bahut acchi pakad hai aapki , badhai aapko umda srajan ke liye
सुन्दर प्रस्तुति.बहुत सुन्दर कुण्डलियाँ. प्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए हैं सभी प्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है
प्यार के गीत जब गुनगुनाओगे तुम ,उस पल खार से प्यार पाओगे तुम प्यार दौलत से मिलता नहीं है कभी ,प्यार पर हर किसी का अधिकार है
(कुण्डलियाँ ) पीले पीले वेश में ,आया आज बसंत परिवर्तन की गोद में ,जा बैठा हेमंत जा बैठा हेमंत ,खेत में सरसों फूली महक उठा ऋतुकंत,प्रेयसी झूला झूली रसिक भ्रमर को भाय, मनोहर वदन सजीले कह ऋतुराज बसंत ,अमिय रस पीले पीले आनंद वर्षं भयो .राग रंग बरसा वसंत का अनंग का .
सुन्दर नवगीत, बसंत के आगमन पर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर व् .सराहनीय अभिव्यक्ति . अफज़ल गुरु आतंकवादी था कश्मीरी या कोई और नहीं ..... आप भी जाने संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....!!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ...राजेश जी ...
namaste rajesh kumari ji
जवाब देंहटाएंbahut sundar kundaliyan likhi hai aapne is vidha me pahali baar aapko padha , bahut acchi pakad hai aapki , badhai aapko umda srajan ke liye
नमस्कार, माननीया. बहुत सुन्दर कविता है.
जवाब देंहटाएंpyari rachna, man mehak utha
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
सराहनीय अभिव्यक्ति,बसंती खुशबु लिए सुंदर प्रस्तुती।,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है,आपका परामर्श चाहिए.
हटाएं"ब्लॉग कलश"
बढ़िया कुण्डलियाँ-
जवाब देंहटाएंआभार आदरेया ||
एकदम सटीक-
हटाएंआदरेया |
बहुत बहुत बधाई ||
फूली फूली घूमती, एक माह से शीत |
फूली सरसों तभी से, फैले जग में प्रीत |
फैले जग में प्रीत, मधुर रस पीले पीले |
छाई नई उमंग, जिंदगी जी ले जीले |
पीले पीले फूल, तितलियाँ रस्ता भूली |
भौरें मस्त अनंग, तितलियाँ रति सी फूली ||
वाह.....
जवाब देंहटाएंमनभावन वसंत आया...आपकी पोस्ट पर छाया :-)
सुन्दर!!
सादर
अनु
मधुमास बसंत का सुन्दर वर्णन !!
जवाब देंहटाएंबसंती रंग में रंगी बहुत सुन्दर कुण्डलियाँ...
जवाब देंहटाएं:-)
वासंती रंग बिखेर दिया आपने !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति.बहुत सुन्दर कुण्डलियाँ.
जवाब देंहटाएंप्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए हैं सभी
प्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है
प्यार के गीत जब गुनगुनाओगे तुम ,उस पल खार से प्यार पाओगे तुम
प्यार दौलत से मिलता नहीं है कभी ,प्यार पर हर किसी का अधिकार है
फूली फूली घूमती, एक माह से शीत |
जवाब देंहटाएंफूली सरसों तभी से, फैले जग में प्रीत |
फैले जग में प्रीत, मधुर रस पीले पीले |
छाई नई उमंग, जिंदगी जी ले जीले |
पीले पीले फूल, तितलियाँ रस्ता भूली |
भौरें मस्त अनंग, तितलियाँ रति सी फूली ||
वसंत का इस से सुन्दर चित्रण और क्या होगा .
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(कुण्डलियाँ )
जवाब देंहटाएंपीले पीले वेश में ,आया आज बसंत
परिवर्तन की गोद में ,जा बैठा हेमंत
जा बैठा हेमंत ,खेत में सरसों फूली
महक उठा ऋतुकंत,प्रेयसी झूला झूली
रसिक भ्रमर को भाय, मनोहर वदन सजीले
कह ऋतुराज बसंत ,अमिय रस पीले पीले
आनंद वर्षं भयो .राग रंग बरसा वसंत का अनंग का .
बड़े ही सुन्दर भावों के साथ वसंत की अभ्यर्थना की है राजेश जी ! मन बाग़ बाग़ हो गया ! बसंत पंचमी की आपको हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंजी आपको भी साधना जी सादर आभार
हटाएंबहुत सुंदर ! आकर्षक चित्र सहित प्रस्तुति के लिए बधाई !
जवाब देंहटाएंआगत बसन्त
जवाब देंहटाएंस्वागत बसन्त..
प्रेम दिवस ,जीवन का राग रंग मुबारक 365 दिन .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..बसंत का स्वागत :-)
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