मेरी बुक ह्रदय के उद्दगार के विमोचन के समय मुझसे किसी ने सवाल किया था की आप ब्लोगर कैसे बनी उनको तो एक सीधा सरल सा जबाब दे दिया था कि नेट पर सर्च करते करते ब्लोगिंग का पता चला और ब्लॉग शुरू कर दिया पर वास्तविकता कुछ और है बहुत रोचक घटना है मेरी ब्लोगिंग के पीछे बहुत दिनों से आप सब से शेयर करना चाहती थी सो आज आज सोचा कुछ अलग लिखूं |
ब्लोगर से पहले मैं ओर्कुटर थी ऑरकुट एक फेस बुक की तरह की वेब साईट शायद अधिकतर लोग जानते होंगे ,खूब मजे से ओर्कुटियाते थे एक से बढ़कर एक चित्र चिपकाते थे ,लोग टिपियाते थे|एक बार मेरे एक ऑरकुट मित्र मुकन्दा/आक्रोशित मन (आजकल कवी विद्रोही रवि भी लिखते हैं)ने एक फोटो पोस्ट की भैंस पर खड़ा हुआ लड़का ,फिर क्या था टिप्पणियों की बौछार हो गई|मुझे भी उस चित्र ने आकर्षित किया जैसे ही मैं टिपण्णी करने लगी तो मुझे सबसे ऊपर एक टिपण्णी दिखाई दी जो किसी दीनदयाल शर्मा जी की थी लिखा था ---फोटो मेरा और वाह वाही पाओ तुम कम से कम मेरा नाम तो लिख दिया होता पहले तो मैंने सोचा शायद भैंस के ऊपर जो लड़का है उसका कमेन्ट है किन्तु अगली टिपण्णी में बात साफ़ हो गई जिसमे लिखा था फोटो खींचूँ मैं और टिप्पणियाँ बटोरो तुम ---सच मानिए ये टिप्पणी का मजेदार सिलसिला काफी लम्बा चला फिर मैंने उत्सुकता वश दीनदयाल जी की प्रोफाइल को खोलकर देखा वहां उनके ब्लॉग का लिंक पाया दीनदयाल शर्मा उसपर क्लिक किया तो देखा वो एक बहुत जाने माने राष्ट्रपतिके हाथों से सम्मानित एक बाल साहित्यकार हैं उनकी बहुत सी बुक प्रकाशित हो चुकी हैं |बस वहां से आइडिया मिला और अपना ब्लॉग क्रियेट किया ,इस तरह मेरे ब्लॉग का जन्म हुआ जब सबसे पहली कविता पोस्ट की तो सबसे पहली उत्साह वर्धन करती हुई टिपण्णी कविता रावत जी की आई ११ मई 2010 को उसके बाद देव, ,दीनदयाल शर्मा जी और रूपचंद्र शास्त्री जी की टिप्पणियों से उत्साह वर्धन हुआ और इस तरह ते सफ़र शुरू हुआ| और धन्यवाद उस तस्वीर का कवि मुकन्दा जी का और विशेष आभार उस तस्वीर के जनक दीनदयाल शर्मा जी का देखिये उन टिप्तिपाती वार्तालाप की झलक --- incredible thinker - it is
your photo....very nice.............aap bachpan me aise the.................i m
just joking sir.............
Jun 28, 2010
आक्रोशित मन.... .ना माने मन की बात ... - ये मेरा नहीं मुकन्दा का फोटो है
Jun 28, 2010
आक्रोशित मन.... .ना माने मन की बात ... -
........मुकन्दा यानी हर वो व्यक्ति जो आत्म सचेतन है और सबका दोस्त है ..मै भी मुकन्दा हूँ...ये अभी हाल फिलहाल का फोटो है पुराना नहीं
Jun 28, 2010
प्रवीण द्विवेदी धर्म सेना प्रदेश उपाध्यक्ष- bahut
badiya bhai sab
Jun 28, 2010
- nice
pic.......................kya baat hai sir.........!!!!
Jun 28, 2010
KAVI*SUMIT * MISHRA - bahut
achha kaam hai
Jun 28, 2010
soniya ܔܢܜܔSuNdEr(๏̯͡๏) - good
Jun 28, 2010
rajesh kumari - photo
achcha laga aur jiska photo hai uska comment padh kar aur achcha laga.
Jun 28, 2010
Atul Agarwal - kamaal
ka santulan
Jun 28, 2010
Atul Agarwal -
fotografer n b kamal kiya h.....unko b badhai
Jun 28, 2010
जोगी ... - waah
waah !!!
Jun 28, 2010
deendayal sharma - Mere
dwara kheeche gye photo par itne comments....aur mera comment kisne hta
diya...? wah ! photo kheechoon to main aur badheeyan...Mukunda ji ko...mere
orkut photos men to tiltle ke saat lga hai...ye... show more
http://www.deendayalsharma.blogspot.in-------- अभी चलकर दीनदयाल जी को इस पोस्ट की खबर करती हूँ नहीं तो फोटो देखकर ऊँऊँ ////बचाओ| कहिये पोस्ट कैसी लगी ?
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बेहद रोमांचक है......
जवाब देंहटाएंबेहद मज़ेदार रिपोर्टिंग :)))
जवाब देंहटाएंआपको आपके काव्यसंग्रह के लिए दिल से बधाई
जवाब देंहटाएंthanks Dear Anju ji.
जवाब देंहटाएंरोचक, हम तो पढ़ पढ़ कर लिखना सीख गये।
जवाब देंहटाएंअरे वाह ये तो बहुत ही रोचक शुरुआत हुई।
जवाब देंहटाएंबधाई हो !
जवाब देंहटाएंकोई भी अच्छी शुरूआत...कोई न कोई रोचकता लिये होती है |
मजेदार रोमांचक प्रस्तुति,,,साझा करने के लिये आभार,,,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (22-09-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
रोचक शुरुआत!!
जवाब देंहटाएंआपके प्रेरणा स्त्रोत तो बड़े मस्त लगे.....उनके आगे बीन बजाने से आपको तो पक्का फायदा होता होगा :-)
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक राजेश जी....
आनंद आ गया...
सादर
अनु
मज़ेदार रिपोर्टिंग रोचक शुरुवात..
जवाब देंहटाएंVery interesting source of motivation..
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक..
जवाब देंहटाएंवाह! राजेश जी.
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक और मजेदार है यह तो.
मजेदार .......
जवाब देंहटाएंbahut rochak baaten aapne saajha ki...!
जवाब देंहटाएंAbhar !
माल किसी का, वाहवाही किसी की। कई लोग तो हिंट दिये जाने पर भी यह नहीं कहते कि सामग्री उनकी नहीं है और उसे लगाने की आज्ञा लेने की ज़रूरत भी वे नहीं समझते। रोचक रहा ब्लॉगर बनने का यह क़िस्सा।
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