निर्मल बहती गंगा मैया हो
जहां पावन धरा की नीव में
ईमान की स्वर्णिम इमारत हो
वो मेरे सपनो का भारत हो |
सत्य अहिंसा दिल के पास मिले
हर इक चेहरे पर मुस्कान खिले
जहां शब्द कोष के प्रष्ठों से
भ्रष्टाचार का नाम नदारद हो
वो मेरे सपनों का भारत हो |
उन्नत हिमालय की गरिमा बढ़े
स्वस्थ पर्यावरण की धूप चढ़े
जहां मानव के स्वस्थ मस्तिष्क से
अपराध के मंसूबे गारत हों
वो मेरे सपनो का भारत हो |
वर्ण वर्ग का कोई भेद ना हो
शासन के नियमों में छेद न हो
प्रेम स्नेह के म्रदु फल हों जिसके
ऐसा कल्प तरु नव भारत हो
वो मेरे सपनों का भारत हो |
हर बालक नीति का पाठ पढ़े
वृद्धों का मान औ सम्मान बढे
भारत एक सोन चिरैया है
जहां साकार ये कहावत हो
वो मेरे सपनों का भारत हो
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बहुत सुन्दर ख्वाब राजेश जी,
जवाब देंहटाएंकाश आपके सपनो का भारत हो जाए हमारा ये डगमगाता देश...
सुन्दर भाव..
सादर
अनु
आपके सपने, ईश्वर शीघ्र ही सच करे।
जवाब देंहटाएंजहां शब्द कोष के प्रष्ठों (पृष्ठों )से
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार का नाम नदारद हो
उन्नत हिमालय की गरिमा बढे (बढ़े)
स्वस्थ पर्यावरण की धूप चढ़े
जहां मानव के स्वस्थ मस्तिष्क से
अपराध के मंसूबे गारत हों
जोश भरने वाली आदर्शों को निहारती रचना .
ram ram bhai
शनिवार, 15 सितम्बर 2012
सज़ा इन रहजनों को मिलनी चाहिए
शुभकामनायें ||
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
वीरेन्द्र कुमार जी टंकण त्रुटी पर ध्यान दिलाने के लिए आभार किन्तु मेरे हिंदी के सोफ्ट वेयर में दूसरा प्र आता ही नहीं और मुझे हिंदी टाइपिंग की बोर्ड पर अभी आती नहीं इसी लिए ये वाला प्रष्ठ ही लिखना पड़ रहा है
जवाब देंहटाएंकाश!सब कुछ फिर से सच हो जाए...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना !!
वाह बेहतरीन रचना काश अपना भारत ऐसा हो जाए
जवाब देंहटाएंबड़ी-बड़ी बातें होती हैं,लिए आंख में स्वप्न कई
जवाब देंहटाएंभेद,अनीति भरा जीवन,भारत सपनों-सा कैसे हो
बहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंकाश || सच में भारत देश ऐसा हो जाये...
आमीन..
:-)
सच ! मेरे सपनो का भारत ऐसा ही हो.सुन्दर भाव..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंआपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को आज दिनांक 17-09-2012 को ट्रैफिक सिग्नल सी ज़िन्दगी : सोमवारीय चर्चामंच-1005 पर लिंक किया जा रहा है। सादर सूचनार्थ
अच्छी कामना की है आपने अपनी इस प्यारी सी रचना में!
जवाब देंहटाएंहमारी भी प्रार्थना है कि ऐसा ही हो!
घर- घर में कामधेनु गैया हो
जवाब देंहटाएंनिर्मल बहती गंगा मैया हो
जहां पावन धरा की नीव में
ईमान की स्वर्णिम इमारत हो
गंगा को तथाकथित उद्द्योगो ने हद दर्जे का प्रदूषण फैला कर नाला बना दिया ,जो पतितपावनी से कब गंदे नाले में परिवर्तित हो गयी किसी ने ध्यान ही नहीं दिया ,काश गंग फिर निर्मल हो जाती और हम इस पवन कार्य में कुछ सहयोग कर सकते,गंगा की पीड़ा हम गंगा किनारे वाले ही नहीं समझेगे तो कौन समझेगा , कामधेनु गोशाला में पलने की जगह बूचडखाने में कट रही है ,घर वाले अगर कामधेनु का महत्त्व समझते तो सोने की चिड़िया का ये हाल सायद न होता ,आपकी अभिलाषा ईस्वर करे पूरी हो और हम उसमे कुछ सहयोग कर सके तो हमारा भी जीवन धन्य हो ,बहुत बहुत साधुवाद बहुत अच्छी रचना दिल को छू गयी ,पुनह साधुवाद
वो मेरे सपनों का भारत हो......hum sabke sapnon ka bhi yahi bharat hai.
जवाब देंहटाएंकाश ये सपने सच हो जाएँ.
जवाब देंहटाएंa hut ,hut,beger
जवाब देंहटाएंbhot acha likha he muje bohot pasend aya
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