हाइकु (सर मुंडाते ही,हास्य )
(1)
सिर मुंडाया
दुकान से निकले
ओले बरसे
(२)
पहली बार
वो छतरी में आई
बारिश थमी
(३)
इम्तहान था
लिखना शुरू किया
कलम टूटी
(४)
भागते हुए
प्लेटफार्म पंहुचा
ट्रेन निकली
(५)
श्रृंगार हेतु
ज्यों घूंघट पलटा
शीशा चटका
(६)
मिन्नतों बाद
बाईक पे लिफ्ट दी
टायर फुस्स
(७)
गिरा आँचल
लपक के उठाया
थप्पड़ पड़ा
(८)
जल्दी पंहुची
पहला साक्षात्कार
जबान सूखी
(९)
पहली बार
बाग़ में आम आये
बन्दर घुसे
(१०)
पहली बार
चुनाव मैदान में
जमानत टें
******
सुना सुनाया
जवाब देंहटाएंपर बात बनी ना
अब आगे क्या?
पहली बार
जवाब देंहटाएंबाग़ में आम आये
बन्दर घुसे
बेहतरीन रचना...सुंदर प्रस्तुति..आभार
हास्य और हाइकू, रोचक प्रयोग..
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक हाइकु....
जवाब देंहटाएंपहली बार
जवाब देंहटाएंवो छतरी में आई
बारिश थमी
इसमें हास्य कहाँ...दुखद है ये तो!!!
:-)
सादर.
पहली बार
जवाब देंहटाएंवो छतरी में आई
बारिश थमी
waah ...
rochak bhaav ..
हा हा हा ! हाइकु में भी हास्य ! ग़ज़ब !!
जवाब देंहटाएंपहली बार
जवाब देंहटाएंवो छतरी में आई
बारिश थमी ...
lovely !!!
.
हास्य + हाइकू = सुंदर प्रस्तुति,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST ,,,,, काव्यान्जलि ,,,,, ऐ हवा महक ले आ,,,,,
सभी हाइकू बहुत सुन्दर हैं।
जवाब देंहटाएंमधुर हास्य...
जवाब देंहटाएंBahut khoob...
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया हाईकु
जवाब देंहटाएंसुन्दर:-)
एक भाव चित्र खडा करते सीधे साधे हाइकु .अभिनव अंदाज़ लिए सीधी बात सा .
जवाब देंहटाएंसारी क्षणिकाएं - लाजवाब।
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