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गुरुवार, 28 जुलाई 2011

Ek najm Ek ghazal

कुछ दिल से

 कुछ आँखों ने बयां कर दिया 
कुछ कलम ने कह दिया 
जज्बातों को इस दिल के 
अब मैं कहाँ छुपाऊं?
इक मुठ्ठी आसमां गर मिल भी जाए 
जो उस रब से छुपाले वो पर्दा कहाँ से लाऊं ?  


जिंदगी  की आगोश में आ 

गुलशन है तेरे सामने 
क्यों तुझे खिजां की आस है ?
इस प्याले में तेरे अमृत ढला है 
क्यों तुझे जहर की प्यास है ?
मेरी दुआओं ने हरदम तेरे दर पे पहरा दिया 
क्यों तूने ग़मों को अपने घर का पता दिया ?
काँटों के झुरमुटों से घिरा है तू 
तुझे बता किसकी तलाश है?
डूब रही है तेरी कश्ती 
मयखाने के समुंदर में 
साहिल  नहीं है कोई 
बस लाश ही लाश हैं !
ग़मों से नाता तोड़ दे ,
खुदा के वास्ते होश में आ 
इन बेदर्द अंधेरों से निकल 
जिन्दगी की आगोश में आ !!
   

21 टिप्‍पणियां:

  1. bahut sundar,
    magar es sabab may maat dubeye jindage barbad
    आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें
    आप का बलाँग मूझे पढ कर अच्छा लगा , मैं भी एक बलाँग खोली हू
    लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
    अगर आपको love everbody का यह प्रयास पसंद आया हो, तो कृपया फॉलोअर बन कर हमारा उत्साह अवश्य बढ़ाएँ।

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  2. बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने !दिल को छू गई हर एक पंक्तियाँ! उम्दा प्रस्तुती!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

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  3. खुदा के वास्ते होश में आ
    इन बेदर्द अंधेरों से निकल
    जिन्दगी की आगोश में आ !!

    Very emotional creation . Your expressions fascinate me.

    .

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहद खूबसूरत....
    पहली बार हूं आपके ब्लॉग पर...अच्छा लगा..

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  5. मेरे इस ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है-

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  6. इक मुठ्ठी आसमां गर मिल भी जाए
    जो उस रब से छुपाले वो पर्दा कहाँ से लाऊं ? ..
    --
    ग़मों से नाता तोड़ दे ,
    खुदा के वास्ते होश में आ
    इन बेदर्द अंधेरों से निकल
    जिन्दगी की आगोश में आ !!..
    --
    दोनों ही अभिव्यक्ति बहुत खूबसूरत हैं!

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  7. ना -उम्मीदी से उम्मीदी ,उजालों की और ले जाती नज्म .बहुत खूब .

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  8. ताज़गी देती एक कविता...अंधेरों से दूर...

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  9. जीवन को अब जी लेना है,
    घोर हलाहल पी लेना है।

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  10. ग़मों से नाता तोड़ दे ,
    खुदा के वास्ते होश में आ
    इन बेदर्द अंधेरों से निकल
    जिन्दगी की आगोश में आ !!
    ...jindadi ko sahi mayane mein jeena hi to jindagi hai...
    bahut achhi seekh deti prastuti..aabhar!

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  11. ये किसने कहा मैं पीता हूँ
    शराब में डूबता हूँ
    लोग क्यूं निरंतर पीते?
    यह जानने के लिए
    मैं भी कभी पीता हूँ

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  12. बहुत सुन्दर दिल को छू लेने वाली पोस्ट आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  13. गुलशन है तेरे सामने
    क्यों तुझे खिजां की आस है ?
    इस प्याले में तेरे अमृत ढला है
    क्यों तुझे जहर की प्यास है?

    आप बहुत सही फ़रमा रही हैं...बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  14. वाह!
    बहुत सुन्दर पोस्ट!
    --
    पूरे 36 घंटे बाद नेट पर आया हूँ!
    धीरे-धीरे सबके यहाँ पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ!

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  15. कुछ आँखों ने बयां कर दिया
    कुछ कलम ने कह दिया
    जज्बातों को इस दिल के
    अब मैं कहाँ छुपाऊं?lajawaab

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  16. गुलशन है तेरे सामने
    क्यों तुझे खिजां की आस है ?
    इस प्याले में तेरे अमृत ढला है
    क्यों तुझे जहर की प्यास है ?
    dil ko choo lene wali ghazal..pahli baar aapke blog pe aana hua..accha laga..

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  17. कल शाम से कोई बात याद आ गई। फिर खुली किताबो में कोई कहानी याद आ गई हमें भी किसी से प्यार था वो बात याद आ गई दिल के कोने में छुपाई तस्वीर याद आ गई तेरे प्यार में अपना गम ना भुला सका वो बात याद आ गई....

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  18. कल शाम से कोई बात याद आ गई। फिर खुली किताबो में कोई कहानी याद आ गई हमें भी किसी से प्यार था वो बात याद आ गई दिल के कोने में छुपाई तस्वीर याद आ गई तेरे प्यार में अपना गम ना भुला सका वो बात याद आ गई....

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