कुछ दिल से
कुछ आँखों ने बयां कर दिया
कुछ कलम ने कह दिया
जज्बातों को इस दिल के
अब मैं कहाँ छुपाऊं?
इक मुठ्ठी आसमां गर मिल भी जाए
जो उस रब से छुपाले वो पर्दा कहाँ से लाऊं ?
गुलशन है तेरे सामने
क्यों तुझे खिजां की आस है ?
इस प्याले में तेरे अमृत ढला है
क्यों तुझे जहर की प्यास है ?
मेरी दुआओं ने हरदम तेरे दर पे पहरा दिया
क्यों तूने ग़मों को अपने घर का पता दिया ?
काँटों के झुरमुटों से घिरा है तू
तुझे बता किसकी तलाश है?
डूब रही है तेरी कश्ती
मयखाने के समुंदर में
साहिल नहीं है कोई
बस लाश ही लाश हैं !
ग़मों से नाता तोड़ दे ,
खुदा के वास्ते होश में आ
इन बेदर्द अंधेरों से निकल
जिन्दगी की आगोश में आ !!
bahut sundar,
जवाब देंहटाएंmagar es sabab may maat dubeye jindage barbad
आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें
आप का बलाँग मूझे पढ कर अच्छा लगा , मैं भी एक बलाँग खोली हू
लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
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बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने !दिल को छू गई हर एक पंक्तियाँ! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
मन को छूने वाली खूबसूरत ग़ज़ल...
जवाब देंहटाएंखुदा के वास्ते होश में आ
जवाब देंहटाएंइन बेदर्द अंधेरों से निकल
जिन्दगी की आगोश में आ !!
Very emotional creation . Your expressions fascinate me.
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bahut sundar dil ko chhoti rachana.
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत....
जवाब देंहटाएंपहली बार हूं आपके ब्लॉग पर...अच्छा लगा..
मेरे इस ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है-
जवाब देंहटाएंइक मुठ्ठी आसमां गर मिल भी जाए
जवाब देंहटाएंजो उस रब से छुपाले वो पर्दा कहाँ से लाऊं ? ..
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ग़मों से नाता तोड़ दे ,
खुदा के वास्ते होश में आ
इन बेदर्द अंधेरों से निकल
जिन्दगी की आगोश में आ !!..
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दोनों ही अभिव्यक्ति बहुत खूबसूरत हैं!
ना -उम्मीदी से उम्मीदी ,उजालों की और ले जाती नज्म .बहुत खूब .
जवाब देंहटाएंताज़गी देती एक कविता...अंधेरों से दूर...
जवाब देंहटाएंजीवन को अब जी लेना है,
जवाब देंहटाएंघोर हलाहल पी लेना है।
ग़मों से नाता तोड़ दे ,
जवाब देंहटाएंखुदा के वास्ते होश में आ
इन बेदर्द अंधेरों से निकल
जिन्दगी की आगोश में आ !!
...jindadi ko sahi mayane mein jeena hi to jindagi hai...
bahut achhi seekh deti prastuti..aabhar!
ये किसने कहा मैं पीता हूँ
जवाब देंहटाएंशराब में डूबता हूँ
लोग क्यूं निरंतर पीते?
यह जानने के लिए
मैं भी कभी पीता हूँ
bahut hi badiya
जवाब देंहटाएंkya khub kaha aapne
बहुत सुन्दर दिल को छू लेने वाली पोस्ट आपका आभार
जवाब देंहटाएंगुलशन है तेरे सामने
जवाब देंहटाएंक्यों तुझे खिजां की आस है ?
इस प्याले में तेरे अमृत ढला है
क्यों तुझे जहर की प्यास है?
आप बहुत सही फ़रमा रही हैं...बहुत सुन्दर
वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पोस्ट!
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पूरे 36 घंटे बाद नेट पर आया हूँ!
धीरे-धीरे सबके यहाँ पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ!
कुछ आँखों ने बयां कर दिया
जवाब देंहटाएंकुछ कलम ने कह दिया
जज्बातों को इस दिल के
अब मैं कहाँ छुपाऊं?lajawaab
गुलशन है तेरे सामने
जवाब देंहटाएंक्यों तुझे खिजां की आस है ?
इस प्याले में तेरे अमृत ढला है
क्यों तुझे जहर की प्यास है ?
dil ko choo lene wali ghazal..pahli baar aapke blog pe aana hua..accha laga..
कल शाम से कोई बात याद आ गई। फिर खुली किताबो में कोई कहानी याद आ गई हमें भी किसी से प्यार था वो बात याद आ गई दिल के कोने में छुपाई तस्वीर याद आ गई तेरे प्यार में अपना गम ना भुला सका वो बात याद आ गई....
जवाब देंहटाएंकल शाम से कोई बात याद आ गई। फिर खुली किताबो में कोई कहानी याद आ गई हमें भी किसी से प्यार था वो बात याद आ गई दिल के कोने में छुपाई तस्वीर याद आ गई तेरे प्यार में अपना गम ना भुला सका वो बात याद आ गई....
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