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सोमवार, 2 अगस्त 2010
shayeri
चेहरे का वो दाग हमसे छुपाते रहे पर हमको उसी दाग में वो चाँद नजर आते रहे !!
उज्ज्वल चन्दा में लगे, कुछ काले से दाग। क्रोधित सूरज हो रहा, उगल रहा है आग।। -- कभी-कभी इस लिंक पर भी भ्रमण कर लिया करें- http://charchamanch.blogspot.com/2010/08/235.html
दो पंक्तियों में ही आपने सारा सार व्यक्त कर दिया!
जवाब देंहटाएं--
ugust 2, 2010 8:02 PM
Word verification हटा दीजिए प्लीज!
इससे कमेंट करने में अनावश्यक समय नष्ट होता है!
उज्ज्वल चन्दा में लगे, कुछ काले से दाग।
जवाब देंहटाएंक्रोधित सूरज हो रहा, उगल रहा है आग।।
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कभी-कभी इस लिंक पर भी भ्रमण कर लिया करें-
http://charchamanch.blogspot.com/2010/08/235.html