कुछ दर्द उजागर होने दो
कुछ दर्द जिगर को सहने दो
कुछ लफ्ज लबों से कह डालो
कुछ लफ्ज नयन से कहने दो !
कुछ राज जमाना जान भी ले
कुछ अंतर्मन मे रहने दो
कुछ अश्क पलक पे रहने दो
कुछ भवसागर में बहने दो !
कुछ रोज यहाँ मर मर के जिए
कुछ पल उल्फत में जीने दो
कुछ जफा के प्याले बिखरा दो
कुछ जाम वफ़ा के पीने दो !!
कुछ जफा के प्याले बिखरा दो
जवाब देंहटाएंकुछ जाम वफ़ा के पीने दो !!
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बहुत ही सार्थक और मन में आशा का संचार करती हुई रचना!
आदरणीया राजेश कुमारी जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
बहुत अच्छी रचनाएं लगी हैं आपके ब्लॉग पर …
कुछ लफ्ज लबों से कह डालो
कुछ लफ्ज नयन से कहने दो !
कुछ राज जमाना जान भी ले
कुछ अंतर्मन मे रहने दो
वाह ! वाह !
बहुत बढ़िया …
शुभकामनाओं सहित …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
सार्थक रचना.
जवाब देंहटाएंbahut achchi lagi aapki rachnayen..
जवाब देंहटाएंGr8 simply U R Gr8
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