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रविवार, 12 अगस्त 2012

क्षणिकाएं (ब्लोगर मित्रों को समर्पित )


(१)
मैं जाती हूँ तुम्हारे ब्लॉग पर 
तुम आते हो मेरे ब्लॉग पर 
कुछ तो भाता होगा 
हम मिले आभासी दुनिया में 
कोई तो नाता होगा 
(२)
मैं पढूं तुम्हारी भावनाएं 
तुम देते हो प्रतिक्रियाएं 
मन संतुष्टि पाता होगा
हम मिले इस अंतरजाल पर 
कोई तो नाता होगा 
(३)
मैं उत्तर में तुम दक्षिण में
ये पूरब में ,वो पश्चिम में  
 कलम चलाता   होगा 
हम सब के तार जुड़े ऐसे 
कोई तो नाता होगा  
*********

25 टिप्‍पणियां:

  1. हां..प्यार का नाता है न..
    :-)

    अनु

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  2. भावनाओ और अहसास का नाता है...
    विचारो के मेल का नाता है..
    बहुत सुन्दर ...
    :-)
    :-)

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  3. namaskaar rajeshkumari ji bahut sundar ..waah sahi hai yah pyara sa bandhan aur pyar ka nata hai

    जवाब देंहटाएं
  4. हाँ है न.आस विश्वास प्रेम और भावनाओ का नाता..

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  5. बिल्कुल नाता है तभी तो आना जाना लगा रहता है प्रेम का दोस्ती का अपनेपन का

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  6. ये खून का नहीं दोस्ती का रिश्ता है बहुत ही सुंदर भाव से लिखी सार्थक रचना /बहुत बधाई आपको /

    मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है /जरुर पधारें /

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  7. एक दुसरे के पोस्ट में आना जाना अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना एक प्रेम और शिष्टाचार का नाता होता है,,,,,,

    अच्छी प्रस्तुति,,सुंदर रचना,,,,,

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  8. जी हाँ ...मन के भावों को साझा करने का नाता है ...सुन्दर लिखा है बधाई

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  9. Very beautiful emotions and I loved the second one. Thanks for writing this, you made blogging a beautiful relationship.

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  10. सुंदर, सुखद क्षणिकाएं। इसे पढ़कर तो यही कहना होगा..

    ..ब्लॉगिंग जिंदाबाद।

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  11. ब्लॉगिंग का रिश्ता तो है ही और कुछ हो ना हो !

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  12. मैं जाती हूँ तुम्हारे ब्लॉग पर
    तुम आते हो मेरे ब्लॉग पर
    कुछ तो भाता होगा
    हम मिले आभासी दुनिया में
    कोई तो नाता होगा

    वाह वाह बहुत सुंदर !

    नाता होता है तो जाता है
    नहीं होता है तो बगल से
    ब्लाग के निकल जाता है !!

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  13. जी बिलकुल ये प्रेम का नाता है ... भाईचारे का नाता है ... इंसानियत का नाता है जो जोड़े रखता है सबको ...

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  14. बहुत सार्थक...दूर रहते हुए भी भावों का कुछ नाता तो होता ही है...

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  15. क्षणिकाएँ पढ़कर हुआ, हमको ये आभास।
    प्रेंम-प्रीत के साथ में, हो मन में विश्वास।।

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  16. आभासी - संसार के , नाते रहें अटूट
    नेह-प्रेम बिखरा यहाँ , लूट सके तो लूट
    लूट सके तो लूट , प्रेम से झोली भरले
    खूब लुटाकर प्रेम,सफल जीवन को करले
    तन क्षणभंगुर किंतु नाम होता अविनाशी
    हो जायें साकार , सभी नाते आभासी ||

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  17. बहुत ही सुन्दर,....सुंदर रचना के लिए आपको बधाई

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