(१)
मैं जाती हूँ तुम्हारे ब्लॉग पर
तुम आते हो मेरे ब्लॉग पर
कुछ तो भाता होगा
हम मिले आभासी दुनिया में
कोई तो नाता होगा
(२)
मैं पढूं तुम्हारी भावनाएं
तुम देते हो प्रतिक्रियाएं
मन संतुष्टि पाता होगा
हम मिले इस अंतरजाल पर
कोई तो नाता होगा
(३)
मैं उत्तर में तुम दक्षिण में
ये पूरब में ,वो पश्चिम में
ये पूरब में ,वो पश्चिम में
कलम चलाता होगा
हम सब के तार जुड़े ऐसे
कोई तो नाता होगा
*********
हां..प्यार का नाता है न..
जवाब देंहटाएं:-)
अनु
भावनाओ और अहसास का नाता है...
जवाब देंहटाएंविचारो के मेल का नाता है..
बहुत सुन्दर ...
:-)
:-)
बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंहाँ नाता तो है .... तभी पढ़ा जाता है ...
जवाब देंहटाएंnamaskaar rajeshkumari ji bahut sundar ..waah sahi hai yah pyara sa bandhan aur pyar ka nata hai
जवाब देंहटाएंहाँ है न.आस विश्वास प्रेम और भावनाओ का नाता..
जवाब देंहटाएंsundar
जवाब देंहटाएंबिल्कुल नाता है तभी तो आना जाना लगा रहता है प्रेम का दोस्ती का अपनेपन का
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यार भरी क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंये खून का नहीं दोस्ती का रिश्ता है बहुत ही सुंदर भाव से लिखी सार्थक रचना /बहुत बधाई आपको /
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है /जरुर पधारें /
एक दुसरे के पोस्ट में आना जाना अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना एक प्रेम और शिष्टाचार का नाता होता है,,,,,,
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति,,सुंदर रचना,,,,,
जी हाँ ...मन के भावों को साझा करने का नाता है ...सुन्दर लिखा है बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंVery beautiful emotions and I loved the second one. Thanks for writing this, you made blogging a beautiful relationship.
जवाब देंहटाएंसुंदर, सुखद क्षणिकाएं। इसे पढ़कर तो यही कहना होगा..
जवाब देंहटाएं..ब्लॉगिंग जिंदाबाद।
ब्लॉगिंग का रिश्ता तो है ही और कुछ हो ना हो !
जवाब देंहटाएंमैं जाती हूँ तुम्हारे ब्लॉग पर
जवाब देंहटाएंतुम आते हो मेरे ब्लॉग पर
कुछ तो भाता होगा
हम मिले आभासी दुनिया में
कोई तो नाता होगा
वाह वाह बहुत सुंदर !
नाता होता है तो जाता है
नहीं होता है तो बगल से
ब्लाग के निकल जाता है !!
बहुत ही सुन्दर, बहुत ही प्यारा..
जवाब देंहटाएंSaarthak evam dhardar.
जवाब देंहटाएं............
कितनी बदल रही है हिन्दी!
जी बिलकुल ये प्रेम का नाता है ... भाईचारे का नाता है ... इंसानियत का नाता है जो जोड़े रखता है सबको ...
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक...दूर रहते हुए भी भावों का कुछ नाता तो होता ही है...
जवाब देंहटाएंक्षणिकाएँ पढ़कर हुआ, हमको ये आभास।
जवाब देंहटाएंप्रेंम-प्रीत के साथ में, हो मन में विश्वास।।
आभासी - संसार के , नाते रहें अटूट
जवाब देंहटाएंनेह-प्रेम बिखरा यहाँ , लूट सके तो लूट
लूट सके तो लूट , प्रेम से झोली भरले
खूब लुटाकर प्रेम,सफल जीवन को करले
तन क्षणभंगुर किंतु नाम होता अविनाशी
हो जायें साकार , सभी नाते आभासी ||
waah arunkumar ji bahut khoob.
हटाएंबहुत ही सुन्दर,....सुंदर रचना के लिए आपको बधाई
जवाब देंहटाएं