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मंगलवार, 1 नवंबर 2011

पर्यावरण बचाओ


पर्यावरण बचाओ
हरे हरे तुम पेड़ लगाओ
फिर उन्ही से छैयां पाओ
करते रहे तुम यूँ ही कटाई
फिर मत कहना विपदा आई I
पर्यावरण से छेड़ करोगे
अपनी ही नाव में छेद करोगे I
करते रहे पर्वतों की छटाई
फिर मत कहना विपदा आई I
प्रकर्ति को रुष्ट करोगे
फिर जीवन भर कष्ट सहोगे
सिंघों बाघों की जो संख्या घटाई
फिर मत कहना विपदा आई I
प्रदूषण को दूर भगाओ
जीवन में खुशहाली लाओ
जो नहीं ये बात समझ में आई
वो देखो देखो विपदा आई I
*****











26 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर सार्थक सन्देश दिया है ।

    जवाब देंहटाएं
  2. पर्यावरण संरक्षण के सार्थक संदेश के साथ अनमोल रचना ! काश सब इससे प्रेरणा ले सकें !

    जवाब देंहटाएं
  3. पर्यावरण व प्राणी प्रेम पर सशक्त रचना.

    जवाब देंहटाएं
  4. आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा मंच-687:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर रचना....
    पर्यावरण संरक्षण आज की महती आवश्यकता है...
    सादर बधाई...

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  6. मैं फिर सोच में डूब गया........

    अलसाया सा
    मूढे पर बैठा था
    सोच में डूबा था
    चिड़िया की चहचाहट
    ने ध्यान भंग किया
    नज़रें उठायी
    देखा तो रोशनदान पर
    चिड़िया तन्मयता से
    घोंसला बना रही थी
    उसके सीधेपन पर
    ह्रदय में दुःख होने लगा
    लोगों ने निरंतर
    बड़े पेड़ों
    उनपर लगने वाले
    घोंसलों को नहीं छोड़ा
    अनगिनत पक्षियों को
    बेघर किया
    रोशनदान में लगे घोंसले
    को कौन छोड़ेगा?
    एक दिन इसे भी बेघर
    होना पडेगा
    अस्तित्व के लिए
    लड़ना पडेगा
    मैं फिर सोच में
    डूब गया........
    02-11-2011
    1741-10-11-11

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  7. प्रदूषण को दूर भगाओ
    जीवन में खुशहाली लाओ

    सही कहा आपने अब तो हमें सचेत हो हि जाना चाहिए!

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  8. सबको पर्यावरण के प्रति जागरूक होना चाहिए...एक हरि-भरी कविता के लिए बधाई...

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  9. पर्यावरण से छेड़ करोगे
    अपनी ही नाव में छेद करोगे

    सन्देश
    तो पहुँच ही रहा है
    बहुत सुन्दर और प्रभावशाली काव्य !!

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  10. सामयिक परिदृश्यों को स्वर देना मानव कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन करना है , जिसको आपने बखूबी निभाया है ...
    साधुवाद जी /

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  11. प्रदूषण को दूर भगाओ
    जीवन में खुशहाली लाओ

    सार्थक संदेश.

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  12. पर्यावरण चेतना की सुंदर रचना के लिए बधाई …

    आपका ब्लॉग भी बहुत ख़ूबसूरत और साफ-सुथरा नज़र आ रहा है ।
    बहुत अच्छा लगा ।


    बधाई और मंगलकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  13. पर्यावरण को कैसे बचाया जाय
    सन्देश देती सार्थक रचना,
    सुंदर पोस्ट ...
    मेरे नए पोस्ट में स्वागत है ...

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  14. आपका ब्लॉग भी बहुत ख़ूबसूरत और आकर्षक लगा । अभिव्यक्ति भी मन को छू गई । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद . ।

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  15. साथ देने का वादा करो साथियो
    मेरे उपवन में फूल खिलते रहें |
    मुट्ठी में समेटूं ओ सारे जहां
    हवा में न 'मंगल' प्रदूषण कहीं||

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