पर्यावरण बचाओ
फिर उन्ही से छैयां पाओ
करते रहे तुम यूँ ही कटाई
फिर मत कहना विपदा आई I
पर्यावरण से छेड़ करोगे
अपनी ही नाव में छेद करोगे I
करते रहे पर्वतों की छटाई
फिर मत कहना विपदा आई I
प्रकर्ति को रुष्ट करोगे
फिर जीवन भर कष्ट सहोगे
सिंघों बाघों की जो संख्या घटाई
फिर मत कहना विपदा आई I
प्रदूषण को दूर भगाओ
जीवन में खुशहाली लाओ
जो नहीं ये बात समझ में आई
वो देखो देखो विपदा आई I
*****
बिल्कुल सटीक अवलोकन्।
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश देती अच्छी रचना ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक सन्देश दिया है ।
जवाब देंहटाएंbeautiful post inspiring to save environment.
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश देती रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर संदेश..
जवाब देंहटाएंपर्यावरण संरक्षण के सार्थक संदेश के साथ अनमोल रचना ! काश सब इससे प्रेरणा ले सकें !
जवाब देंहटाएंपर्यावरण व प्राणी प्रेम पर सशक्त रचना.
जवाब देंहटाएंvery nice poem
जवाब देंहटाएंhttp://renukakkar2004gmailpoems.blogspot.com/
सटीक सन्देश और चेतावनी ...
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा मंच-687:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंपर्यावरण संरक्षण आज की महती आवश्यकता है...
सादर बधाई...
मैं फिर सोच में डूब गया........
जवाब देंहटाएंअलसाया सा
मूढे पर बैठा था
सोच में डूबा था
चिड़िया की चहचाहट
ने ध्यान भंग किया
नज़रें उठायी
देखा तो रोशनदान पर
चिड़िया तन्मयता से
घोंसला बना रही थी
उसके सीधेपन पर
ह्रदय में दुःख होने लगा
लोगों ने निरंतर
बड़े पेड़ों
उनपर लगने वाले
घोंसलों को नहीं छोड़ा
अनगिनत पक्षियों को
बेघर किया
रोशनदान में लगे घोंसले
को कौन छोड़ेगा?
एक दिन इसे भी बेघर
होना पडेगा
अस्तित्व के लिए
लड़ना पडेगा
मैं फिर सोच में
डूब गया........
02-11-2011
1741-10-11-11
प्रदूषण को दूर भगाओ
जवाब देंहटाएंजीवन में खुशहाली लाओ
सही कहा आपने अब तो हमें सचेत हो हि जाना चाहिए!
सबको पर्यावरण के प्रति जागरूक होना चाहिए...एक हरि-भरी कविता के लिए बधाई...
जवाब देंहटाएंपर्यावरण से छेड़ करोगे
जवाब देंहटाएंअपनी ही नाव में छेद करोगे
सन्देश
तो पहुँच ही रहा है
बहुत सुन्दर और प्रभावशाली काव्य !!
सामयिक परिदृश्यों को स्वर देना मानव कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन करना है , जिसको आपने बखूबी निभाया है ...
जवाब देंहटाएंसाधुवाद जी /
behtreen chetna geet...
जवाब देंहटाएंप्रदूषण को दूर भगाओ
जवाब देंहटाएंजीवन में खुशहाली लाओ
सार्थक संदेश.
सार्थक संदेश देती अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
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सार्थक सन्देश देती अच्छी रचना ..
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएं♥
पर्यावरण चेतना की सुंदर रचना के लिए बधाई …
आपका ब्लॉग भी बहुत ख़ूबसूरत और साफ-सुथरा नज़र आ रहा है ।
बहुत अच्छा लगा ।
बधाई और मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
पर्यावरण को कैसे बचाया जाय
जवाब देंहटाएंसन्देश देती सार्थक रचना,
सुंदर पोस्ट ...
मेरे नए पोस्ट में स्वागत है ...
आपका ब्लॉग भी बहुत ख़ूबसूरत और आकर्षक लगा । अभिव्यक्ति भी मन को छू गई । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद . ।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंसाथ देने का वादा करो साथियो
जवाब देंहटाएंमेरे उपवन में फूल खिलते रहें |
मुट्ठी में समेटूं ओ सारे जहां
हवा में न 'मंगल' प्रदूषण कहीं||