कुछ अलग अर्थात पहली बार दोहे लिखने की कोशिश की है प्रयास कैसा है आप बताएँगे !
(१)
मंहगाई की मार ने ऐसे जख्म लगाए
जिह्वा कंठ में रूधि मुह से न निकली हाय !!
(२)
पढ़े लिखो के देश में पाखंडी बढ़ते जाएँ
आगे आगे बाबा ,करोड़ों पीछे पीछे आयें!!
(३)
ओलम्पिक में चूक गए फिर काहे पछताए
मंहगाई की दौड़ में स्वर्ण पदक ले आये!!
(४)
जाने क्यूँ उन्हें स्वदेश की रोटी नहीं सुहाए
चाहे फिर परदेश में धोबी के श्वान बन जाएँ !!
(५)
कंहा से आया भ्रष्टाचार सब प्रश्न यही दोहराए
झांको अपने उर में जरा ,उत्तर वंही समाए!!
(१)
मंहगाई की मार ने ऐसे जख्म लगाए
जिह्वा कंठ में रूधि मुह से न निकली हाय !!
(२)
पढ़े लिखो के देश में पाखंडी बढ़ते जाएँ
आगे आगे बाबा ,करोड़ों पीछे पीछे आयें!!
(३)
ओलम्पिक में चूक गए फिर काहे पछताए
मंहगाई की दौड़ में स्वर्ण पदक ले आये!!
(४)
जाने क्यूँ उन्हें स्वदेश की रोटी नहीं सुहाए
चाहे फिर परदेश में धोबी के श्वान बन जाएँ !!
(५)
कंहा से आया भ्रष्टाचार सब प्रश्न यही दोहराए
झांको अपने उर में जरा ,उत्तर वंही समाए!!
तात्कालिक स्थितियों परिस्थितियों का सुन्दर अवलोकन करती पोस्ट!
जवाब देंहटाएंमहगाई तो कम नही हो सकती जो है उसी में गुजारा करना होगा,...
जवाब देंहटाएंबढ़िया दोहे...सुंदर पोस्ट ...
बेमिशाल दोहे
जवाब देंहटाएंजाने क्यूँ उन्हें स्वदेश की रोटी नहीं सुहाए
जवाब देंहटाएंचाहे फिर परदेश में धोबी के श्वान बन जाएँ !!...per apna ghar phir apna hi ghar hai
सच्चाई को बयां करते दोहे .
जवाब देंहटाएंभाव सुन्दर हैं . हालाँकि तकनीकि दृष्टि से सुधार की आवश्यकता है .
ओलम्पिक में चूक गए फिर काहे पछताए
जवाब देंहटाएंमंहगाई की दौड़ में स्वर्ण पदक ले आये!!
सुन्दर दोहा आज के समय के अनुकूल ..!
achhe dohe likhe aapne
जवाब देंहटाएंhaalaat ko khoob samjhaa aapne
ओलम्पिक में चूक गए फिर काहे पछताए
जवाब देंहटाएंमंहगाई की दौड़ में स्वर्ण पदक ले आये!!
वाह...कमाल के दोहे.
नीरज
सुंदर और सटीक दोहे ...
जवाब देंहटाएंबधाई!
bahut hi sundar dohe hai...
जवाब देंहटाएंsach me kuch alag hai...
सन्नाट दोहे।
जवाब देंहटाएंसुंदर और सटीक दोहे ...बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंBahut achhi koshish, bahut sundar bhav, per mujhe nahi lagta ye dohe ki paribhashanusar sahi men dohe kahe jayenge.
जवाब देंहटाएंLife is Just a Life
My Clicks
.
बेहतरीन दोहे।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बढ़िया प्रस्तुति..!!
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रयास है...
जवाब देंहटाएंभाव बड़े ही सामयिक और सार्थक हैं....
सादर....
ओलम्पिक में चूक गए फिर काहे पछताए
जवाब देंहटाएंमंहगाई की दौड़ में स्वर्ण पदक ले आये!!
(४)
जाने क्यूँ उन्हें स्वदेश की रोटी नहीं सुहाए
चाहे फिर परदेश में धोबी के श्वान बन जाएँ !!
करारा वार करते सटीक दोहे।
अच्छें हें .अच्छें हें ..बधाई
जवाब देंहटाएंbehtareen koshish.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन दोहे....
जवाब देंहटाएंओलम्पिक में चूक गए फिर काहे पछताए
जवाब देंहटाएंमंहगाई की दौड़ में स्वर्ण पदक ले आये!!
कहीं-कहीं, जरा-जरा.........बाकी सटीक दोहे.
ओलम्पिक में चूक गए फिर काहे पछताए
जवाब देंहटाएंमंहगाई की दौड़ में स्वर्ण पदक ले आये!! exceelent