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गुरुवार, 5 मई 2011

माँ कैसे कर्ज चुकाऊँ..happy mothers day may 8 2011

                                      माँ कैसे कर्ज चुकाऊँ 
                                    दूध तेरा मेरी रग रग में
                                          कैसे भूल जाऊं !
                    तेरी व्याधि हर ल़ू मै या जीवन औषधि बन जाऊं 
                                      मैं कैसे कर्ज चुकाऊँ !!
                    सूख रही हैं जड़े तरु की जिसका म्रदुल फल हूँ मैं 
               नीर भरी बदरी बन बरसूं या जमीं की सिंचन बन जाऊं !
                                     आग उगलते सूरज को 
                                        कैसे ज्योत दिखाऊँ 
                                       माँ कैसे कर्ज चुकाऊँ!!
              कतरा कतरा घटता बदन तेरा ,निस्तेज होता वदन तेरा
                                  जीर्ण शीर्ण अस्थि पिंजर में 
                                         प्राण कंहा से लाऊँ 
                                     माँ कैसे कर्ज चुकाऊँ !!
                           सूरज जो उदय हुआ ,अस्त भी होना है 
                             पाया जीवन में जो, कभी तो खोना है  
                                इस आवागमन के कटु जहर को 
                                          कैसे आज पचाऊँ
                                   तेरे जीवन का अंतिम तीरथ 
                                          कैसे सहज बनाऊं 
                                       माँ कैसे कर्ज चुकाऊँ !!
यह कविता मेरी माँ को समर्पित करती हूँ ,जो इस वक़्त ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही है !!


20 टिप्‍पणियां:

  1. राजेश कुमारी जी ,

    बहुत भावभीनी प्रस्तुति ...एक बेटी ही माँ के प्रति ऐसी संवेदनाएं मन में रखती है ...

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  2. बहुत भावपूर्ण और हृदयस्पर्शी रचना है..... आपकी माताजी को स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनायें .....

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  3. प्राण कंहा से लाऊँ
    माँ कैसे कर्ज चुकाऊँ !!
    सूरज जो उदय हुआ ,अस्त भी होना है
    पाया जीवन में जो, कभी तो खोना है
    इस आवागमन के कटु जहर को
    कैसे आज पचाऊँ
    तेरे जीवन का अंतिम तीरथ
    कैसे सहज बनाऊं
    माँ कैसे कर्ज चुकाऊँ !!....

    You made me emotional Rajesh ji . The poem reminded me of my mother when she was in ICU and we all were watching her helplessly . She departed forever after fighting the battle for six days.

    .

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  4. Please accept my best wishes for your mother. I wish good health and happiness for her. Do not leave hope, just be strong !...She will be fine !

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  5. बहुत भावपूर्ण और हृदयस्पर्शी रचना|आपकी माताजी को स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभकामनाएँ|

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  6. माँ के बुरे समय में उनके साथ, बिना हिम्मत हारे, मजबूती से खड़ीं हों ! एलोपैथिक इलाज़ से फायदा न हो तब वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को अवश्य खोजें ! कई बार आश्चर्यजनक तरीके से लाभान्वित होते हैं !

    ...होमिओपैथिक ट्रीटमेंट अक्सर लाभप्रद होता है बशर्ते डॉ आपको उचित समय दे पाए !

    माँ के स्वस्थ होने की कामना करता हूँ !

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  7. aap sab ki harday ko dilasa dene vaali tippniyan sar aankho par.aap sab ka dhanyvaad.

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  8. आपके ब्लॉग पर पहली बार आई हूँ |अच्छी भावपूर्ण रचना के लिए बधाई |मेरी प्राथमिक शिक्षा देहरादून में ही हुई है |आपसे मिल कर अच्छा लगा

    आशा

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  9. आपके इस भाव को नमन - माँ को नमन - उनके स्वस्थ होने की कामना के साथ उनके प्रति मेरी भी ये पंक्तियाँ -

    मेरे गीतों में तू मेरे ख्वाबों में तू,
    इक हकीकत भी हो और किताबों में तू।
    तू ही तू है मेरी जिन्दगी।
    क्या करूँ माँ तेरी बन्दगी।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    +919955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  10. माँ के प्रति आपकी भावभीनी प्रस्तुति पढ़ आँखे नम हों गयीं.मेरी तो यही कामना और दुआ है प्रभु से कि माताजी शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभकर आप पर अपना स्नेह और वात्सल्य बरसाती रहें.
    मेरे ब्लॉग पर आप आईं ,इसके लिए बहुत बहुत आभार.

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  11. just tears in eyes .heart touching creation.

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  12. ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! मदर्स डे पर उम्दा प्रस्तुती! बधाई!

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  13. मै समझता हूं दृश्य काव्य का अर्थ यही होता होगा कि कविता पढते पढते आखेंा के आगे चित्र दिखने लगे। निस्तेज होता वदन कतरा कतरा क्षीण होता शरीर, दिखती हडिडयां, अस्त होता सूरज । बेटी क्या करे समझ नहीं आता कैसे कष्ट मिटाया जाय , देखा भी नहीं जाता , परिणाम भी जानते हैं मगर सोच कर काप भी जाते है आखिर है तो बेटी उस तरु का फल जो सूख कर टहनी होगया है

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  14. आपकी माँ को समर्पित कविता भावभीनी है
    आपकी माताजी के स्वास्थ के सुधार के लिए
    शुभकामनाये
    घोटू

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  15. .

    Rajesh ji , How is mom ? Kindly update us about her health. Hope she is fine.

    A bouquet of roses for our dear mom.

    .

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  16. bahut hi marmsparshi panktiyan ki.... aapka hardaya se aabhar .... pahli baar maine aapke blog ko visit kiya hai... mata ji ke liye shubhkamanaye...
    Rahul choudhary

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  17. bahut bhaari harday se yeh sweekarna padta hai ki 9th march 1012 ko maa swarg sidhaar gai hain.

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  18. माँ कैसे कर्ज चुकाऊँ
    http://kuchkhaskhabar.blogspot.com/

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