गोल गोल ये बनती जाती
चकले बेलन पर घुमाती
जो अपनी है भूख मिटाती
माँ कहाँ से आई चपाती ??
खेतो से जब गेहूं पक कर घर में आता है
तेरा पापा उसको चक्की में पिसवाता है
आटे की बोरी जब आती
उससे ही बनती है चपाती।।
अहा सुन्दर फ्राक है मेरा
उसपर रेशम का है घेरा
जो प्रकाश में करता चम् चम्
माँ कैसे बनता है रेशम ??
मीठे शहतूत वृक्ष पर जब कीड़े आते हैं
अपनी मेहनत से मुलायम जाल बनाते हैं
चिप चिप होता झिलमिल चमचम
उससे ही बनती है रेशम।।
कितना सुन्दर है मेरा घर
जिसमे रहते हम मिल जुल कर
ना कोई भय ना कोई डर
सुन माँ कैसे बनता है घर??
माटी से सांचे में एक- एक ईंट बनाते
सीमेंट से सब जोड़ जोड़ दीवारे बनाते
परिश्रम औ पैसा लगता पर
फिर मेरे बच्चे बनता घर।।
मेरी बहना मेरी मुनिया
जिसे प्यार से कहते चुनिया
जिससे रोशन मेरी दुनिया
माँ कहाँ से आई चुनिया ???
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बहुत सुंदर बाल गीत..
जवाब देंहटाएंसुंदर बाल कविता
जवाब देंहटाएंसुंदर बाल गीत
जवाब देंहटाएंLATEST POSTसपना और तुम
बहुत सुंदर बेहतरीन बाल गीत.
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत ही सुन्दर ... मन को लुभाता यह बाल गीत
जवाब देंहटाएंसादर
बच्चों के मासूम सवालों का बहुत सुन्दर शिक्षाप्रद जवाब लाजवाब है .....
जवाब देंहटाएंआज की ब्लॉग बुलेटिन प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत - अमर शहीद मंगल पाण्डेय - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बाल गीत.
जवाब देंहटाएंसुंदर बाल गीत......
जवाब देंहटाएंवाह !!! बहुत बेहतरीन सुंदर बाल रचना !!!
जवाब देंहटाएंRECENT POST: जुल्म
जवाब देंहटाएंग्यान और प्यार समेटे--सुंदर बाल-गीत
वाह दीदी बहुत सुंदर बचपन के भाव
जवाब देंहटाएंगुज़ारिश : ''यादें याद आती हैं.....''
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!sakhi
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (10 -04-2013) के http://charchamanch.blogspot.in/ साहित्य खजाना पर भो होगी .आप अपनी अनमोल समीक्षा मंच पर जरूर कीजिये , स्वागत है आपका मंच पर
सूचनार्थ
सादर
शशि पुरवार
प्रश्न ओर उनके उत्तर ...
जवाब देंहटाएंप्रश्नों को काव्य धारा में उतारा है ...
बड़े ही सहज प्रश्न, प्यार बढ़ाते।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर बाल गीत.
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