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शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

दीवाली पर (हास्य रचना )


दीवाली पर  (हास्य रचना  )
पिछले बरस जब दीवाली आई 
पलटन बाजार में आमने सामने
 दो नई  दुकाने आई 
एक का मालिक रामचंदर हलवाई 
दूजे का जुम्मन कसाई 
एक प्रातः दूकान में अगरबत्ती घुमावे 
दूजा खूँटी पर नंगे बकरे लटकावे 
एक कड़ाही  में जलेबियाँ तोड़े 
दूजा मुर्गों की गर्दन मरोड़े 
रामचंदर जी तलते  खारी 
जुम्मन मजे से  चलावे आरी 
घूरें दुकान पर आते जाते 
एक दूजे को फूटी आँख ना भाते 
शाम को जुम्मन दूकान की करते सफाई
मानो रामचंदर जी की आफत आई 
कपडे से नाक मुंह ढकते
जोर जोर से बुडबुड करते  
जुम्मन मन ही मन मुस्काते   
रामचंदर जी  मक्खियाँ भगाते
जो ग्राहक पहले सामने जाते 
उसे रामचंदर दूर से भगाते 
कई बार बात इतनी बढ़ आई 
हाथा पाई तक नौबत आई 
जैसे तैसे बीत गया साल 
कम हुआ ना उनका मलाल   
इक दिन अतिक्रमण का भुजंग है आया 
दोनों की दुकान  पे नोटिस चिपकाया 
दोनों के जीवन में जब कहर है आया 
भूल के सब कुछ हाथ मिलाया 
निकला जुलूस जैसे सब भागे  
हाथ पकडे वो थे सबसे आगे 

 एक सुर में जब गुहार लगाई 

उनके दुःख दर्द की हुई सुनवाई 
 दुःख बांटे फिर मिले जुले 
 इस दीवाली पे गले मिले 

************************

17 टिप्‍पणियां:

  1. कोई बोले राम राम , कोई मरा मरा .
    जीवन रहे सदा , खुशियों से हरा भरा .

    दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें .

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  2. बहुत खूब!
    बाजर का सजीव चित्रण किया है आपने!

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  3. वाह! वाह! क्या बात है ..:-)
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  4. :)
    आपको दीपावली पर मंगल कामनाएं !

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  5. बढ़िया प्रस्तुति |
    बधाई स्वीकारें ||

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  6. अलबेला यह हास्य है, मीट मिठाई संग |
    साथ घडी आपात में, देख मिताई दंग |
    देख मिताई दंग, पेट पर लात पड़ी है |
    धरना धरे जुलुस, दशा पूरी बिगड़ी है |
    लड़ना भिड़ना बंद, देख कुदरत का खेला |
    भेजा बर्फी संग, बना जोड़ा अलबेला ||

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  7. दुःख बांटे फिर मिले जुले
    इस दीवाली पे गले मिले
    अंत भला तो सब भला
    दीवाली मुबारक !!

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  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (11-11-2012) के चर्चा मंच-1060 (मुहब्बत का सूरज) पर भी होगी!
    सूचनार्थ...!

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  9. चलिये इस दिवाली पर गले मिल लिए तो दोनों की दुकाने भी अच्छी चलेंगी ... :):)

    दीपावली की शुभकामनायें

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  10. आपसी सौहार्द्र दिखाती अच्छी कविता!!!
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!!

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  11. बहुत सुंदर ..... दीपावली की शुभकामनायें

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  12. मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा...इसे कहते हैं फटे की यारी...

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