जंग से पलटना तो मेरी फितरत में ना था
मेरी राह में अगर बमबारी मिली तो क्या हुआ
आँखों में दर्द की बदरी तो उमड़ी थी बहुत
पलकों को झपकने की बारी ना मिली तो क्या हुआ
खून से भरे पिंड तो बहुत बिखरे थे वहां
एक मुकम्मल गर्दन हमारी ना मिली तो क्या हुआ
लिपटा तो लिया तिरंगे ने यूँ कस के मुझे
इक मुझे माँ की छाती प्यारी ना मिली तो क्या हुआ
लहरा तो दिया फिर जीत का पंचम हमने
फतह में जिंदगी मुझे न्यारी ना मिली तो क्या हुआ
जय हिंद , वन्दे मातरम
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खून से भरे पिंड तो बहुत बिखरे थे वहां
जवाब देंहटाएंएक मुकम्मल गर्दन हमारी ना मिली तो क्या हुआ
वाह वाह...............
लाजवाब कविता.......
बहुत बढ़िया .
मार्मिक रचना ।
जवाब देंहटाएंशहीदों को सलाम ।
Great creation ma'am. Awesome presentation.
जवाब देंहटाएंबेहद हृदयस्पर्शी और दिल को छूती प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंके लिए बहुत बहुत आभार.
देश के लिए इस जज्बे को नमन...
जवाब देंहटाएंकोमल भाव,समीचीन सुन्दर कत्थ्य बधाईयाँ जी /
जवाब देंहटाएंजंग से पलटना तो मेरी फितरत में ना था
जवाब देंहटाएंमेरी राह में अगर बमबारी मिली तो क्या हुआ
आँखों में दर्द की बदरी तो उमड़ी थी बहुत
पलकों को झपकने की बारी ना मिली तो क्या हुआ
सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन और मार्मिक रचना । !
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...:गजल...
गहरे भावों का उत्कृष्ट प्रकटीकरण।
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना!
जवाब देंहटाएंवन्देमातरम!
पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएँ!
देश के जाँबाज वीरों को हमारा है नमन
जवाब देंहटाएंजय हिंद वंदे मातरम, जय हिंद वंदे मातरम
गर्व भी है , मर्म भी है..सुंदर रचना.....
बहुत सुन्दर वाह!
जवाब देंहटाएंआपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 23-04-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-858 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
clearly shows their selfless attitude..
जवाब देंहटाएंsalute to them !!
Lovely read :)
बहुत सुंदर रचना ... देश पर न्योछावर होने वाले वीरों को नमन
जवाब देंहटाएंजय हिंद , वन्दे मातरम .sadar
जवाब देंहटाएंलिपटा तो लिया तिरंगे ने यूँ कस के मुझे
जवाब देंहटाएंइक मुझे माँ की छाती प्यारी ना मिली तो क्या हुआ
लहरा तो दिया फिर जीत का पंचम हमने
फतह में जिंदगी मुझे न्यारी ना मिली तो क्या हुआ
rajesh ji bahut hi sundar rachana likhi hai apne badhai ke sath abhar bhi sweekaren
BAHUT HI MAARMIK.....
जवाब देंहटाएंLAJAWAAB
Kunwar ji
बहुत भावपूर्ण और्मन को छूती रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव ... बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंजंग से पलटना तो मेरी फितरत में ना था
जवाब देंहटाएंमेरी राह में अगर बमबारी मिली तो क्या हुआ.
भावपूर्ण प्रस्तुति.
शहादत के लम्हों को साकार करती मूर्त करती स्वर देती रचना .
जवाब देंहटाएंशहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले ,वतन पे मिटने वालों का यही बाकी निशाँ होगा .....
बहुत सुन्दर दिल को छूती हुई रचना
जवाब देंहटाएंbhut sundar isase achhi shraddhanjali nahin ho sakti .
जवाब देंहटाएंलिपटा तो लिया तिरंगे ने यूँ कस के मुझे
जवाब देंहटाएंइक मुझे माँ की छाती प्यारी ना मिली तो क्या हुआ..... क्या कमाल का लिखा है आपने ...
खून से भरे पिंड तो बहुत बिखरे थे वहां
जवाब देंहटाएंएक मुकम्मल गर्दन हमारी ना मिली तो क्या हुआ
wah kya bat hai .....bahut sundar gazal rajesh ji ....badhai ke sath abhar bhi sweekaren
जय हिंद, वन्दे मातरम
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