आज मन में क्यूँ उठी मेरे लहर
चाँद जाने दे गया कैसी खबर
चलो घर को अपने करीने से सजा लूँ
किसको साथ लाती है मेरी सहर
बहकी बहकी सी फ़िजा लगती है
कौन जाने है ये किसका असर
वो तो समझो ये है शाइस्तगी मेरी
वर्ना हक़ से कहती अभी और ठहर
आजकल दरवाजे उनके बंद रहते हैं
चुपचाप ना जाने वो गए किधर
रुसवाइयों से उन्हें फर्क नहीं पड़ता
कसम से हैं वो बड़े बेखबर
रास्ता शायद वो दरिया भूल गया
मुड़ गया इस ओर जो उसका कहर
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ग़ज़ल
कहाँ किसे ज्ञात रहता है कि कब क्या आ जायेगा।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवो तो समझो ये है शाइस्तगी मेरी
वर्ना हक़ से कहती अभी और ठहर
लाजवाब शेर................
सार्थक सृजन, आभार.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की नयी पोस्ट पर भी पधारें
रुसवाइयों से उन्हें फर्क नहीं पड़ता
जवाब देंहटाएंकसम से हैं वो बड़े बेखबर
रास्ता शायद वो दरिया भूल गया
मुड़ गया इस ओर जो उसका कहर... बहुत खूब
बहुत बढ़िया सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन पोस्ट,....
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...
वाह||| बहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंबढ़िया अभिव्यक्ति...
वाह: बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ग़ज़ल .
जवाब देंहटाएंsundar kavita .
जवाब देंहटाएंवाह ....बहुत बढ़िया रचना,सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन पोस्ट,....
जवाब देंहटाएंराजेश कुमारी जी,बहुत दिनों से मेरी पोस्ट पर आपका आना नही हुआ,आइये स्वागत है
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...
कसम से हैं वो बड़े बेखबर
जवाब देंहटाएंरास्ता शायद वो दरिया भूल गया
मुड़ गया इस ओर जो उसका कहर
...
बहुत सुंदर ....
वाह सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रचना, प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया,"राजपुरोहित समाज" आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ
,एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से सभी को भगवन महावीर जयंती, भगवन हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ॥
आपका
सवाई सिंह{आगरा }
simply beautiful !!
जवाब देंहटाएंवो तो समझो ये है शाइस्तगी मेरी
जवाब देंहटाएंवर्ना हक़ से कहती अभी और ठहर
वेहद प्रभावशाली रचना ...
रास्ता शायद वो दरिया भूल गया
जवाब देंहटाएंमुड़ गया इस ओर जो उसका कहर
सुन्दर गजल ,बेहतरीन भाव पुर्ण प्रस्तुति,.....
RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....
RECENT POST...फुहार....: रूप तुम्हारा...
रास्ता शायद वो दरिया भूल गया
जवाब देंहटाएंमुड़ गया इस ओर जो उसका कहर
lajbab prastuti rajesh ji ...badhai
sunder aur sahaj abhivyakti...
जवाब देंहटाएंइतनी सुन्दर कविता ...!!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब गज़ल पढ़ा कर मजा आ गया
जवाब देंहटाएंचाँद जब खुद खबर देने आयेगा
जवाब देंहटाएंचाँदनी में लपेट कर दे जायेगा
खबर खुशखबर होगी एक जरूर
नहीं तो चाँद खुद् कहाँ आयेगा !