कुछ कह मुकरी
(१)
जब से साल सोलहवां आया
मन ही मन ये दिल भरमाया
मेरी आँखों में वो लगे हंसने
ऐ सखी साजन! ना सखी सपने
(२)
पलकें मेरी झुक-झुक जाएँ
फिर चुपके से मुझे बुलाये
वदन श्रृंगार उसी को अर्पण
ऐ सखी साजन ! ना सखी दर्पण
(३)
सगरी नगरी जब सो जाए
दबे पाँव अँधेरे में आये
डरे कहीं हो जाए ना भोर
ऐ सखी साजन !ना सखी चोर
(४)
प्रेम पाश में मुझे फंसाए
रेशमी बांहों में वो झुलाए
धीरे धीरे मुझे सुलाए
ऐ सखी दूल्हा !ना सखी झूला
(५)
तीनो पहर वो मुझे बुलाये
बिन उसके भी रहा ना जाए
अपनी अगन में मुझे तपाये
ऐ सखी दूल्हा ! ना सखी चूल्हा
(६)
रात चांदनी पुहुप महकाये
श्वेत किरणों का जाल बिछाए
सम्मोहन में मुझे फंसाए
ऐ सखी चंदा !ना सखी रजनी गंधा
(७)
जब भी मेरे पास में आये
मेरा आँचल उड़ -उड़ जाए
मेरे तन-मन को उलझाए
ऐ सखी पवन !! ना बुद्धू, साजन
*****
रात चांदनी पुहुप महकाये
जवाब देंहटाएंश्वेत किरणों का जाल बिछाए
सम्मोहन में मुझे फंसाए
ऐ सखी चंदा !ना सखी रजनी गंधा
बहुत सुंदर प्रस्तुति,..बेहतरीन पोस्ट के लीये बधाई
MY RESENT POST .....आगे कोई मोड नही ....
वाह वाह राजेश कुमारी जी………शानदार कह मुकरियाँ।
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंवाह वाह................
जवाब देंहटाएंवाह राजेश जी...................
मज़ा आ गया पढ़ कर................
कोई ना बूझ पाए हम................
बहुत प्यारी रचना.
सादर.
जब से साल सोलहवां आया
जवाब देंहटाएंमन ही मन ये दिल भरमाया
मेरी आँखों में वो लगे हंसने
ऐ सखी साजन! ना सखी सपने
सगरी नगरी जब सो जाए
दबे पाँव अँधेरे में आये
डरे कहीं हो जाए ना भोर
ऐ सखी साजन !ना सखी चोर
वाह !बहुत सुंदर मुकरियाँ..बधाई !
बहुत खूब ! बहुत ख़ूबसूरत और रोचक मुकरियाँ .....
जवाब देंहटाएंतीनो पहर वो मुझे बुलाये
जवाब देंहटाएंबिन उसके भी रहा ना जाए
अपनी अगन में मुझे तपाये
ऐ सखी दूल्हा ! ना सखी चूल्हा ... सबमें साजन का भ्रम :)
वाह...बहुत सुन्दर, सार्थक और सटीक!
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
जीवन के बसंत की अद्भुत छटा छिटकाते शब्द..
जवाब देंहटाएंवाह राजेशजी मज़ा आ गया ....बहुत सही !
जवाब देंहटाएंआत्म रति से विमुग्ध दर्पण के प्रति आसक्त किशोर man की अठखेलियाँ .कणिकाएं किशोर भाव जगत की बोले तो पहेलिकाएं .बधाई स्वीकार करें इस सुन्दर रचना के लिए .
जवाब देंहटाएंरविवार, 29 अप्रैल 2012
महिलाओं में यौनानद शिखर की और ले जाने वाला G-spot मिला
http://veerubhai1947.blogspot.in/
शोध की खिड़की प्रत्यारोपित अंगों का पुनर चक्रण
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बहुत सुन्दर..! बधाई स्वीकारें..
जवाब देंहटाएंजीवन का पूरा रंग विखेर दिया ..बहुत प्यारी रचना...राजेशजी....
जवाब देंहटाएंतीनो पहर वो मुझे बुलाये
जवाब देंहटाएंबिन उसके भी रहा ना जाए
अपनी अगन में मुझे तपाये
ऐ सखी दूल्हा ! ना सखी चूल्हा .....
.....बहुत सुन्दर.
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसुन्दर.....
जब से साल सोलहवां आया
जवाब देंहटाएंमन ही मन ये दिल भरमाया
मेरी आँखों में वो लगे हंसने
ऐ सखी साजन! ना सखी सपने
सगरी नगरी जब सो जाए
दबे पाँव अँधेरे में आये
डरे कहीं हो जाए ना भोर
ऐ सखी साजन !ना सखी चोर
वाह !बहुत सुंदर मुकरियाँ..बधाई !
सुन्दर काव्यात्मक प्रहेलिकाएं . बधाया!
कृपया यहाँ भी पधारें -
सोमवार, 30 अप्रैल 2012
जल्दी तैयार हो सकती मोटापे और एनेरेक्सिया के इलाज़ में सहायक दवा
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आपकी प्रहेलिकाओं एवं टिप्पणियों के लिए आभार .
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी पधारें -
डिमैन्शा : राष्ट्रीय परिदृश्य ,एक विहंगावलोकन
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
सोमवार, 30 अप्रैल 2012
जल्दी तैयार हो सकती मोटापे और एनेरेक्सिया के इलाज़ में सहायक दवा
वाह , मन भावन, चुलबुली कह मुकरियाँ
जवाब देंहटाएंBhartendu Harishchandra ke lekhan me dali sarthak rachna........
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