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शनिवार, 21 अप्रैल 2012

जय हिंद, वन्दे मातरम


जंग से पलटना तो मेरी फितरत में ना था 
मेरी राह में अगर  बमबारी  मिली तो क्या हुआ 
आँखों में दर्द की बदरी तो उमड़ी थी बहुत 
पलकों को झपकने की बारी ना मिली तो क्या हुआ
खून से भरे पिंड तो बहुत  बिखरे थे वहां 
एक मुकम्मल गर्दन हमारी ना मिली तो क्या हुआ 
लिपटा तो लिया तिरंगे ने यूँ कस के मुझे 
इक मुझे माँ की छाती प्यारी ना मिली तो क्या हुआ
लहरा तो दिया फिर जीत का पंचम हमने 
फतह में जिंदगी मुझे न्यारी ना मिली तो क्या हुआ 
                           जय हिंद , वन्दे मातरम 
                                         *****

गुरुवार, 22 मार्च 2012

शहीद भगत सिंह



 देश भक्ति की पावन रज सेसुसज्जित भाल
रिपुहन्ता, सिंघस्वरूपा, भारत माँ का  लाल
अमर्त्यवीर ,पाषाण हिय और स्कंध विशाल  
 प्रहरी वीर, शूरवीर और शक्तिपुंज मशाल  |
असीम,अटल देशभक्ति का भुजंग विकराल  
 शूर ,शौर्यता ,पवन वेगता का जाँ बाज मराल |
छीन के हिन्दुस्तां के अंक से पछता रहा वो काल  
धन्य धरा के अमर सपूत हर माँ तुझपे निहाल ||