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सोमवार, 16 जनवरी 2012

वो जीवन भी क्या!!

वो दिल भी क्या जिसे कभी प्यार ना मिला 
वो इन्सां भी क्या जिसे कभी यार ना मिला !
वो दिन भी क्या जिसमे ख़ुशी का जाम  ना मिला 
वो स्वप्न भी क्या जिसे कोई अंजाम ना मिला !
वो आवाज ही क्या जिसे  कोई सुन ना सका 
वो गीत ही क्या जिसे कोई गुन ना सका !
वो परवाज ही क्या जो कभी उड़ ना सके   
वो राह ही क्या जो कभी मुड़ ना सके !
वो युद्द ही क्या जिससे  कभी अमन ना मिला 
वो जीवन ही क्या जिसे मरते वक़्त कफ़न ना मिला !

26 टिप्‍पणियां:

  1. all are great line maaam.... specially "वो आवाज ही क्या जिसे कोई सुन ना सका"

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  2. वो दिल भी क्या जिसे कभी प्यार ना मिला
    वो इन्सां भी क्या जिसे कभी यार ना मिला !..
    बहुत खूबसूरत सार्थक भाव..

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  3. वो युद्द ही क्या जिससे कभी अमन ना मिला
    वो जीवन ही क्या जिसे मरते वक़्त कफ़न ना मिला !

    ....बहुत खूब! बहुत सार्थक सोच...सुन्दर प्रस्तुति..

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  4. बहुत खूब ... ऐसे बहुत से बातें सालती हैं जीवन भर ... पर कुछ बदनसीब होते हैं ऐसे भी ...

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  5. वो युद्द ही क्या जिससे कभी अमन ना मिला

    bahut sunder .....

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  6. बहुत ही खूबसूरती से जिन्दगी के प्रशनो को शब्दों में ढाला है आपने.....

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  7. सभी पंक्तीया बहूत सुंदर है
    सुंदर प्रस्तुती...
    --

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  8. वाह...रचना... बेजोड़ रचना ...बेजोड़ प्रस्तुति ...बधाई

    नीरज

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  9. वाह!!!!!!बहुत सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन रचना,.... क्या बात है
    welcome to new post...वाह रे मंहगाई

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  10. .


    बहुत ख़ूब !

    रचना पढ़ते ही ख़याल आया -
    वो ब्लॉगर ही क्या जिसने यह पोस्ट नहीं पढ़ी …
    :)


    हार्दिक शुभकामनाएं !

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  11. वो दिल भी क्या जिसे कभी प्यार ना मिला
    वो इन्सां भी क्या जिसे कभी यार ना मिला !
    bahut hi sundar avm jeevan ki paheliyon ko suljhati hui prernadayee rachana .....sadar abhar

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  12. बहोत अच्छे ।

    नया हिंदी ब्लॉग

    http://http://hindidunia.wordpress.com/

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  13. वो दिल भी क्या जिसे कभी प्यार ना मिला

    बहुत खूबसूरत

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  14. वो दिल भी क्या जिसे किसी का प्यार ना मिला
    चाहत के लिए कोई भी दिलदार ना मिला
    इतने बड़े जहां में तलबगार ना मिला
    वो खत ही क्या जिसे कोई इंतजार ना मिला.

    अति सुंदर खयालात....

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  15. वाह राजेश्कुमारी जी
    बहुत खूब हर लाइन दिल को चुरा के ले गयी .जोश और सच्चाई . सन्देश से भरी रचना .....बहुत पसंद आई . शायराना अंदाज .....बिलकुल खास .बधाई स्वीकारें

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  16. वो कलम ही क्या जो आपकी तारीफ़ में दो शब्द न लिखे...
    बहुत सुन्दर !!!
    kalamdaan.blogspot.com

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  17. वो युद्द ही क्या जिससे कभी अमन ना मिला
    वो जीवन ही क्या जिसे मरते वक्त कफन ना मिला

    बहुत खूब..!
    एक शसक्त रचना।

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  18. भाव अच्छे हैं,पर यदि अंत एक आशावादिता से होता,तो अधिक रूचिकर बनती कविता।

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  19. वो परवाज ही क्या जो कभी उड़ ना सके
    वो राह ही क्या जो कभी मुड़ ना सके !

    bahut sundar...
    jindagi ke nazdeek....

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