यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 10 जनवरी 2012

जय भारत माता जयहिंद

मेरे देश वासियों दोनों आँखे खुली रखना 
एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना !
गिद्ध द्रष्टि देख रही हैअपने घर की हलचल
हर कदम आगे रखना देख जरा संभल कर 
अपना तिरंगा झुक न पाए इसे संभाले रखना 
एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना !

सर्द हिमखंड पिघल रहे हैं देखो धरा की आग से 
जंगल भी थर्रा रहे हैं अब सिंघों की जाग से 
एक जुट है सारा वतन नजर लक्ष्य पर रखना 

एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना !

बचा कर रखना अपना ईमान वोट के खरीदारों से 
कर लो दो -दो हाथ इन सत्ता के ठेकेदारों से 
कर दो विभूषित देश की कुर्सी नेक नियत दारों से 
तुम से ही है देश का गौरव अपना  हक जमा कर रखना
 एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना!

भ्रष्टाचार को ख़त्म करना है 
आज खालो ये कसम !
जो भी राह में रोड़ा आये 
उसको करदो वहीँ भसम !
बन जाओ तुम वीर भगत सिंह 
चन्द्र शेखर सा जिगर रखना !

एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना!
मेरे देशवासियों दोनों आँखे खुली रखना !! 







  

28 टिप्‍पणियां:

  1. एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना ! bahut sundar ...आज खालो ये कसम !
    जो भी राह में रोड़ा आये
    उसको करदो वहीँ भसम !....jarur har har jakhm jo khula pada hai ...usko ab sina hoga ....jina hai sar utha kar to ...mar kar hi jina hoga

    जवाब देंहटाएं
  2. एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना
    अति सुन्दर रचना
    vikram7: हाय, टिप्पणी व्यथा बन गई ....

    जवाब देंहटाएं
  3. एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना,बहुत सुंदर पंक्तियाँ
    बहुत सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन रचना लाजबाब
    welcome to new post --काव्यान्जलि--यह कदंम का पेड़--

    जवाब देंहटाएं
  4. जागरूक करती उम्दा रचना...

    जवाब देंहटाएं
  5. जागरूकता जगाती ... देश प्रेम का भाव जगाती लाजवाब रचना है ...

    जवाब देंहटाएं
  6. हां, देश को नए रणबांकुरों की ज़रूरत है।

    जवाब देंहटाएं
  7. paaramparik sadbhaav aur aahvan ko
    nayi aawaaz deti huee
    bahut prabhaavshali rachnaa ...
    w a a h !!

    जवाब देंहटाएं
  8. एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना!
    मेरे देशवासियों दोनों आँखे खुली रखना !!

    शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  9. गिद्ध द्रष्टि देख रही हैअपने घर की हलचल
    हर कदम आगे रखना देख जरा संभल कर.very nice.

    जवाब देंहटाएं
  10. NAMASKAR RAJESH KUMARI JI .
    UTTSAH BADHAI HUI ..DIL ME JOSH JAGATI HUI AAPKI YEH RACHNA ....
    एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना!
    मेरे देशवासियों दोनों आँखे खुली रखना !!

    ..........BAHUT KHOOB . BEST POEM .SALAM

    HAPPY MAKARSANKRANTI

    जवाब देंहटाएं
  11. भ्रष्टाचार को ख़त्म करना है
    आज खालो ये कसम !
    जो भी राह में रोड़ा आये
    उसको करदो वहीँ भसम !
    बन जाओ तुम वीर भगत सिंह
    चन्द्र शेखर सा जिगर रखना !
    ओजपूर्ण प्रेरणादायी रचना.

    जवाब देंहटाएं
  12. रचना अच्छी लगी| मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ|

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

    जवाब देंहटाएं
  14. अपना तिरंगा झुक न पाए इसे संभाले रखना
    एक आँख संसद पर दूजी सरहद पर रखना !

    देशभक्ति से परिपूर्ण प्रेरक कविता।

    जवाब देंहटाएं
  15. भ्रष्टाचार को ख़त्म करना है
    आज खालो ये कसम !
    जो भी राह में रोड़ा आये
    उसको करदो वहीँ भसम !
    बन जाओ तुम वीर भगत सिंह
    चन्द्र शेखर सा जिगर रखना !

    बेहद ओजस्वी एवं प्रेरणादायी कविता ! आभार राजेश जी ! वन्देमातरम

    .

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत सुंदर राष्ट्र के प्रति प्रेरक रचना, बहुत अच्छी लगी....बधाई .
    new post--काव्यान्जलि --हमदर्द-

    जवाब देंहटाएं
  17. सुन्दर.. ओज से ओत-प्रोत प्रेरणादायी कविता ...

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत सुन्दर और प्रेरणादायी प्रस्तुति...

    जवाब देंहटाएं
  19. भ्रष्टाचार को ख़त्म करना है
    आज खालो ये कसम !
    जो भी राह में रोड़ा आये
    उसको करदो वहीँ भसम !
    बन जाओ तुम वीर भगत सिंह
    चन्द्र शेखर सा जिगर रखना !
    bahut hi sundar rachana Rajesh ji ....aj kl ke sthitiiyon pr ak sarthak drishipat kiya hai ....badhai ke sath hi abhar.

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण प्रस्तुती! बढ़िया लगा!

    जवाब देंहटाएं