वो दिल भी क्या जिसे कभी प्यार ना मिला
वो इन्सां भी क्या जिसे कभी यार ना मिला !
वो दिन भी क्या जिसमे ख़ुशी का जाम ना मिला
वो स्वप्न भी क्या जिसे कोई अंजाम ना मिला !
वो आवाज ही क्या जिसे कोई सुन ना सका
वो गीत ही क्या जिसे कोई गुन ना सका !
वो परवाज ही क्या जो कभी उड़ ना सके
वो राह ही क्या जो कभी मुड़ ना सके !
वो युद्द ही क्या जिससे कभी अमन ना मिला
वो जीवन ही क्या जिसे मरते वक़्त कफ़न ना मिला !
वो इन्सां भी क्या जिसे कभी यार ना मिला !
वो दिन भी क्या जिसमे ख़ुशी का जाम ना मिला
वो स्वप्न भी क्या जिसे कोई अंजाम ना मिला !
वो आवाज ही क्या जिसे कोई सुन ना सका
वो गीत ही क्या जिसे कोई गुन ना सका !
वो परवाज ही क्या जो कभी उड़ ना सके
वो राह ही क्या जो कभी मुड़ ना सके !
वो युद्द ही क्या जिससे कभी अमन ना मिला
वो जीवन ही क्या जिसे मरते वक़्त कफ़न ना मिला !
all are great line maaam.... specially "वो आवाज ही क्या जिसे कोई सुन ना सका"
जवाब देंहटाएंवो दिल भी क्या जिसे कभी प्यार ना मिला
जवाब देंहटाएंवो इन्सां भी क्या जिसे कभी यार ना मिला !..
बहुत खूबसूरत सार्थक भाव..
वो युद्द ही क्या जिससे कभी अमन ना मिला
जवाब देंहटाएंवो जीवन ही क्या जिसे मरते वक़्त कफ़न ना मिला !
....बहुत खूब! बहुत सार्थक सोच...सुन्दर प्रस्तुति..
अत्यन्त गम्भीर...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... ऐसे बहुत से बातें सालती हैं जीवन भर ... पर कुछ बदनसीब होते हैं ऐसे भी ...
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश दिए हैं .
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत ही बढि़या।
जवाब देंहटाएंवो युद्द ही क्या जिससे कभी अमन ना मिला
जवाब देंहटाएंbahut sunder .....
kavitaa ko bhee
जवाब देंहटाएंpadh kar mazaa aayaa
बहुत ही खूबसूरती से जिन्दगी के प्रशनो को शब्दों में ढाला है आपने.....
जवाब देंहटाएंसभी पंक्तीया बहूत सुंदर है
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुती...
--
waah.. bahut badhiya prerak rachna.... saadar..
जवाब देंहटाएंमेरी कविता:वो एक ख्वाब था
वाह...रचना... बेजोड़ रचना ...बेजोड़ प्रस्तुति ...बधाई
जवाब देंहटाएंनीरज
वाह!!!!!!बहुत सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन रचना,.... क्या बात है
जवाब देंहटाएंwelcome to new post...वाह रे मंहगाई
.
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब !
रचना पढ़ते ही ख़याल आया -
वो ब्लॉगर ही क्या जिसने यह पोस्ट नहीं पढ़ी …
:)
हार्दिक शुभकामनाएं !
very thoughtful and appealing lines...
जवाब देंहटाएंवो दिल भी क्या जिसे कभी प्यार ना मिला
जवाब देंहटाएंवो इन्सां भी क्या जिसे कभी यार ना मिला !
bahut hi sundar avm jeevan ki paheliyon ko suljhati hui prernadayee rachana .....sadar abhar
bahut achchi lagi......
जवाब देंहटाएंबहोत अच्छे ।
जवाब देंहटाएंनया हिंदी ब्लॉग
http://http://hindidunia.wordpress.com/
वो दिल भी क्या जिसे कभी प्यार ना मिला
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत
वो दिल भी क्या जिसे किसी का प्यार ना मिला
जवाब देंहटाएंचाहत के लिए कोई भी दिलदार ना मिला
इतने बड़े जहां में तलबगार ना मिला
वो खत ही क्या जिसे कोई इंतजार ना मिला.
अति सुंदर खयालात....
वाह राजेश्कुमारी जी
जवाब देंहटाएंबहुत खूब हर लाइन दिल को चुरा के ले गयी .जोश और सच्चाई . सन्देश से भरी रचना .....बहुत पसंद आई . शायराना अंदाज .....बिलकुल खास .बधाई स्वीकारें
वो कलम ही क्या जो आपकी तारीफ़ में दो शब्द न लिखे...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !!!
kalamdaan.blogspot.com
वो युद्द ही क्या जिससे कभी अमन ना मिला
जवाब देंहटाएंवो जीवन ही क्या जिसे मरते वक्त कफन ना मिला
बहुत खूब..!
एक शसक्त रचना।
भाव अच्छे हैं,पर यदि अंत एक आशावादिता से होता,तो अधिक रूचिकर बनती कविता।
जवाब देंहटाएंवो परवाज ही क्या जो कभी उड़ ना सके
जवाब देंहटाएंवो राह ही क्या जो कभी मुड़ ना सके !
bahut sundar...
jindagi ke nazdeek....