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बुधवार, 3 जुलाई 2013

आज कृष्ण कहाँ??(लघुकथा)

नीर के बापू ये तुम ठीक नहीं कर रहे हो एक ही तो रोजी रोटी का सहारा है ये बकरी उसे भी बेचना चाहते हो गोमती ने कलुवे के हाथ से रस्सी छुडाते हुए कहा कलुआ गुस्से में लगभग चीखता हुआ बोला बकरी तो फिर  जायेगी भागवान देश का इतना बड़ा मंत्री एक गरीब के झोंपड़े में रोज थोड़े ही आता है आएगा तो चार आदमियों के खातिरदारी का बंदोबस्त तो करना ही पड़े है   तभी तो हमारा भी कुछ उद्धार हो पायेगा  अगले दिन सुबह से कलुवे के पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे मंत्री जी का स्वागत सजी धजी नई साडी पहन कर गोमती ने टीका लगा कर किया मेंत्री जी के अंगरक्षक और उनके साथ आई भीड़ से कलुवे का झौपडा भर गया मंत्री जी ने कैमरे  के सामने इतने सारे व्यंजनों में से सिर्फ पानी का एक घूँट भरा इधर- उधर की बातें कर अंत में सबके सामने हाथ जोड़ कर विदा मांगी रास्ते में  एक अंगरक्षक ने पूछ मंत्री जी जो कलुवे ने ये देशी घी की मिठाई का डिब्बा दिया है उसे भी क्या पहले की तरह आपके कुत्तों को ?? बेवकूफ हुआ है क्या पिछली बार की तरह मेरे कुत्तों को बीमार करना है क्या ?देख वो सामने मंदिर  रहा है कितने पिल्ले ओह सारी बच्चे बैठे हैं  उनको बाटं दो ,जब मंदिर के सामने गाड़ी रुकी तो बोले  अरे अरे रुको मैं बाँट के आता हूँ। और अगले दिन अखबार में मंत्री जी  का भिखारी बच्चों को मिठाई बांटते हुए कुटिल मुस्कान के साथ बड़ा सा फोटो छपा। उधर गोमती सुबह-सुबह अपने बच्चों के दूध मांगने पर बकरी के खाली खूँटे को देखती हुई 
आज कृष्ण कहाँ ?मन में ये सोचती हुई गिलास लेकर पड़ोस में दूध मांगने चल दी।

19 टिप्‍पणियां:

  1. क्या कहूं राजेशजी..एक वितृष्णा सी हो रही है इस पूरे समाज से ...एक बात और सालती है की हम इसी विक्षिप्त समाज का हिस्सा हैं ......

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  2. कितने कडुवे सच को इस कहानी के माध्यम से कह दिया है ... आज की राजनीती और गरीब का सच ...

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  3. दुखद, लेकिन आज ऐसे ही लोगों के साथ जीना पड़ता है..

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  4. हृदय निकालकर सामने रख देने वाला समाज, यह सब देख कर मन छिपाये बैठा है।

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  5. सार्थक सन्देश देती लघु कथा .सच्चाई को शब्दों में बखूबी उतारा है आपने आभार तवज्जह देना ''शालिनी'' की तहकीकात को ,
    आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN लड़कों को क्या पता -घर कैसे बनता है ...

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  6. सार्थक सन्देश देती लघु कथा .सच्चाई को शब्दों में बखूबी उतारा है आपने .आभार तवज्जह देना ''शालिनी'' की तहकीकात को ,
    आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN लड़कों को क्या पता -घर कैसे बनता है ...

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  7. मार्मिक वयंग्य..
    कुँवर जी,

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  8. आपकी यह उत्कृष्ट रचना कल दिनांक 05.07.2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ पर लिंक की गयी है। कृपया देखें और अपने सुझाव दें।

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  9. बहुत सुंदर, थोड़े से शब्दों में समाज का सच सामने रख दिया बहुत बहुत मंगलकामनाये

    यहाँ भी पधारे
    http://shoryamalik.blogspot.in/2013/01/yaadain-yad-aati-h.html

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  10. शुभ प्रभात
    दूध और दोहनी
    दोनों कुर्बान

    सादर

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  11. नेताओं की कुटिलता को कहती मर्मस्पर्शी लघु कथा ।

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  12. एक मंत्री की सड़ती सोच को दर्शाती ......मार्मिक कथा

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  13. मार्मिक।
    कृष्ण सुदामा की दोस्ती के किस्से अब गाथाएं बन कर ही रह गए हैं।

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