मैं रंगती रही अतीत के कैनवास को
अब वर्तमान को रंगीन
बनाना होगा
फुसला नहीं सकता तू बस
वादों से मुझे
ऐ इन्द्रधनुष अब तो बाहर
आना होगा
(2)
बहुत बार यादों की बारिश में भीगी
घटाओं संग काजल की स्याही बहाई
सपने में भी तुमने यूँ संभाला मुझको
गिरने से पहले मेरी थामी कलाई
(3)
वो करे ना करे वफ़ा मालूम नहीं
फिर हमे अपनी खता मालूम नहीं
हसरतें दिल क्यूँ अभी छोड़ें ये बता
जब उसे अपनी सजा मालूम नहीं
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बहुत सुन्दर मुक्तक..
उत्तर देंहटाएंबधाई राजेश जी.
सादर
अनु
जीवन जीना वर्तमान में,
उत्तर देंहटाएंव्यक्त समय की मधुर तान में।
बहुत सुंदर भावपूर्ण तीनो मुक्तक ,वाह ,,, राजेश जी बधाई
उत्तर देंहटाएंRECENT POST ....: नीयत बदल गई.
तीनो अपने में पूर्ण !
उत्तर देंहटाएंjeevant abhivyakti
उत्तर देंहटाएंतीनों ही बहुत सुंदर...
उत्तर देंहटाएं
उत्तर देंहटाएंप्यारे और न्यारे सबसे अलग मुक्तक निर्दोष से .
वो करे ना करे वफ़ा मालूम नहीं
फिर हमे अपनी खता मालूम नहीं
हसरतें दिल क्यूँ अभी छोड़ें ये बता
जब उसे अपनी सजा मालूम नहीं
उत्तर देंहटाएंतीनो मुक्तक बहुत सुन्दर है !
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post केदारनाथ में प्रलय (२)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
उत्तर देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शनिवार (13-07-2013) को समय की कमी ने मार डाला में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
राजेश जी
उत्तर देंहटाएंबधाई है ।
एक अरसे के बाद मुक्तक पढे और याद दिला दिया आपने कुछ -शायद एक मुक्तक और -किसको सुनाएँ दर्द का फँसाना
फांस की तरह फँसा वो नजारा
निकले न निकलता है ,भूले न भुलाया जाता
दगाबाजों से भरा है यह जमाना ।
आदरणीया सुधा कल्प जी आपको अपने ब्लॉग पर पाकर अति प्रसन्नता हुई आपने प्रतिउत्तर में बहुत सुन्दर मुक्तक साझा किया है बधाई आपको , मेरे मुक्तक पसंद आये दिल से आभारी हूँ स्नेह बनाए रखिये|
हटाएंभाव भरे मुक्तक..
उत्तर देंहटाएंबहुत सुंदर ।
उत्तर देंहटाएंबहुत खुबसूरत एहसास पिरोये है अपने......
उत्तर देंहटाएंbahut sunder muktak.
उत्तर देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (15.07.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी. कृपया पधारें .
उत्तर देंहटाएंबहुत खूब ... उम्दा हैं सभी छंद ... लाजवाब ...
उत्तर देंहटाएंदी बहुत सार्थक मुक्तक
उत्तर देंहटाएंवाह ,बहुत सुंदर भावपूर्ण तीनो मुक्तक बधाई
उत्तर देंहटाएंबहुत खुबसूरत भावो की अभिवय्क्ति…।
उत्तर देंहटाएंआपकी शायरियां काबिले तारीफ़ है
उत्तर देंहटाएंएक मेरी ओर से
आँखों में ना हमको तलाशो सनम,
दिल में हम बस जायेंगे,
तमन्ना है अगर मिलने की,
तो बंद आँखों में भी हम नज़र आयेंगे