हरित पलाश पुंज मिले मिले
गुलाबी कमल दल खिले खिले !
झील के आँचल में थिरकन
देखो शिकारे चले चले !
बकुल श्रंखला करती आहार
डूब के जल में गले गले !
सिन्दूर साथ लिए आया दिवाकर
झील की मांग भरे भरे !
शीतल मंद पवन संग मस्ती
देवदार ,चिनार हिले हिले !
पंछियों के कल कलरव
लगते करणों को भले भले !
परदेसी परिंदे दूर से आये
देखो पर्यटन फूले फले !
पा के माँ की प्यारी झिडकी
शिशु अलसाई आँखे मले मले!
देखो शिकारे चले चले !
हरित पलाश पुंज मिले मिले
जवाब देंहटाएंगुलाबी कमल दल खिले खिले !
झील के आँचल में थिरकन
देखो शिकारे चले चले !... sundar drishya
प्रकृति का सुन्दर चित्रण
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्रण, मनोहारी कविता
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर मनोहारी झील में उगता सूरज ,,
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुदर प्रस्तुति
rachna ke maadhyam se sundar drishy kheenchaa gayaa
जवाब देंहटाएंलाजबाब मनमोहनी प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
खुबसूरत चित्रण ...
जवाब देंहटाएंअब आप यहाँ भी आ गये है सारे जहाँ मे छा गये है जानना है तो यहाँ देखिये……http://redrose-vandana.blogspot.com
जवाब देंहटाएंझील की सुन्दरता में चार चाँद लगाती रचना ।
जवाब देंहटाएंझील के आँचल में थिरकन
जवाब देंहटाएंदेखो शिकारे चले चले !
बकुल श्रंखला करती आहार
डूब के जल में गले गले !
सिन्दूर साथ लिए आया दिवाकर
झील की मांग भरे भरे !
bahut sunder kavita...laga ki kashmir pahuch gaye ....bhasha bhi sunder ....
pehli baar apke blog par ayi ...achha laga...kya aap bhi mujhsae judna chahengi?
सुन्दर वर्णनीय जलराशि।
जवाब देंहटाएंbahut komal kriti. madhur shabd...
जवाब देंहटाएंसिन्दूर साथ लिए आया दिवाकर
झील की मांग भरे भरे !
sudar rachna ke liye badhai.
इस कविता में प्रकृति चित्रण अनोखा है!
जवाब देंहटाएंभावनाओं और प्रकृति का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 03-10 - 2011 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में ...किस मन से श्रृंगार करूँ मैं
serene n peaceful..
जवाब देंहटाएंsimply superb
Loved it
भावनाओं और प्रकृति का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.
जवाब देंहटाएंसिन्दूर साथ लिए आया दिवाकर
जवाब देंहटाएंझील की मांग भरे भरे !
सिंदूर, दिवाकर, झील... आपने इन शब्दों से एक सुनहरा दृश्य अंकित कर दिया है।
बहुत ही सुदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चित्र!
जवाब देंहटाएंसादर
सुन्दर चित्र के साथ प्रभावी पंक्तियाँ.
जवाब देंहटाएंसिन्दूर साथ लिए आया दिवाकर
जवाब देंहटाएंझील की मांग भरे भरे !
bhut acha.
प्रकृति का बड़ा ही ख़ूबसूरत चित्रण !
जवाब देंहटाएंदुर्गा पूजा पर आपको ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
हरित पलाश पुंज मिले मिले
जवाब देंहटाएंगुलाबी कमल दल खिले खिले !
झील के आँचल में थिरकन ....bahut khoobsurt....aabhar
परदेसी परिंदे दूर से आये
जवाब देंहटाएंदेखो पर्यटन फूले फले !
पा के माँ की प्यारी झिडकी
शिशु अलसाई आँखे मले मले!
हृदय स्पर्शी भाव और भाषा.
खूबसूरत चित्रण.
जवाब देंहटाएंसुन्दर शब्द चयन.
मन पुलकित हो गया पढ़कर.
देर से आया हूँ .पर अब मिलता रहूँगा.
आपको एवं आपके परिवार को दशहरे की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
अति सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार प्रस्तुति!
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