जहांगीर ने कश्मीर की सुन्दरता को देखकर कहा था ......अगर फिरदोस बार रूए ज़मीन अस्त ,हमीन असतो हमीन असतो,हमीन असतो!
अर्थात अगर जमीन पर कहीं स्वर्ग है तो वो यहीं है यहीं है!.....बिलकुल सही कहा था !
लेह से वापस आकर हमारा कश्मीर देखने का प्लान था,अतः एक दिन आराम करके हम कश्मीर की सैर करने निकल पड़े !दो दिन का ही वक़्त था हमारे पास!पहले हमने निशात बाग़ और उसके बाद डल झील में घूमना और रात को हाउस बोट में रुकने का प्लान बनाया !देखिये कुछ चित्र !
निशात बाग़ की ख़ूबसूरती देखते ही बनती थी न जाने कितने फोटो खींच डाले कुछ आप भी देखिये......
यहाँ घूमने के बाद हम लोग डल लेक पर पहुच गए !डल लेक में घूमते हुए शिकारे, बोट हाउस बोट की खूबसूरती ने मन मोह लिया तारीफ़ के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं !हमने रोवेल्ल हाउस बोट में कमरे पहले से ही बुक करा रखे थे !पहले रूम में बेग्स रखकर ही बोट से घूमना था!पहले बोट से हम अपने हाउस बोट रोवेल्ल तक पहुंचे !
यही हमारा हाउस बोट था और उसका मालिक बोट से आ रहा है बहुत ही खूबसूरत हाउस बोट है इसमें हमने एक रात गुजारी जिसे हम कभी भूल नहीं पायेंगे यहाँ का खाना भी लाजबाब था!
देखिये हाउस बोट का डाइनिंग हॉल
यह देखिये हाउस बोट में ही शापिंग होने लगी !
डल झील में सूर्योदय का नजारा
यह देखिये कमल की पत्तियां !
हाउस बोट में एक रात रुकने के बाद हमने अगले दिन गुलमर्ग में बिताने की योजना बनाई !अतः हम गुलमर्ग की और चल दिए !रास्ते से ही खूबसूरत लम्बे लम्बे देवदार और चिनार के वृक्ष शुरू हो गए !अब हम गुलमर्ग पहुँच चुके थे वंहा पंहुच कर सबसे पहले हमने एक शिव मंदिर जिसमे आपकी कसम पिक्चर का गाना जय जयशिव शंकर फिल्माया गया था उसे देखा !मंदिर देखने के बाद घुड़सवारी का मजा लिया !
घुड़सवारी के बाद हमने कुछ एडवेंचर गेम किये! देखिये
इसे अब्जोर्बिंग बोल कहते हैं यह रबर की दो तीन लेयर से गोल किया है अंदर आमने सामने दो लोगों को अच्छे
से बांध दिया जाता है फिर उसे उंचाई से नीचे की और धकेल दिया जाता है!इस को करने में तो मानो जान ही
निकल गई थी फिर एक थ्रिलिंग अनुभव रहा जिसे कभी भूल नहीं सकती !
चित्र .......एक विडियो भी देखिये......एक बार वक़्त मिला तो शूटिंग भी की......
फिर एक दिन वंहा बिताकर वापिस दिल्ली आ गए !कश्मीर की ख़ूबसूरती
wah...yaden taza ho gayin...shukriya...
जवाब देंहटाएंपोस्ट पढ़कर और सुम्दर नजारे देख कर तो ऐसा लगा कि हम कोई सपना देख रहे हैं, सुन्दर चित्रों का!
जवाब देंहटाएंसचमुच जन्नत है कश्मीर । बहुत खूबसूरत फोटोज हैं ।
जवाब देंहटाएंकाश इस धरती पर शान्ति आ जाये।
जवाब देंहटाएंक्या बात है...
जवाब देंहटाएंBahut Sunder Chitron se saji Post..... Abhar
जवाब देंहटाएंकश्मीर के मन मोहक चित्र देख कर मन ख़ुश हो गया.आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर। आपकी यात्रा का आनंद अब हमसब महसूस कर रहे हैं.
जवाब देंहटाएंखूबसूरत एहसास पैदा करता है यह यात्रा वृत्तांत .मनभावन सौन्दर्य संजोये आगे बढती है यात्रा .सहयात्री सहभावी हम भी बने .आभार सांझा करने के लिए
जवाब देंहटाएंकाश्मीर को स्वरक ऐसे ही नहीं कहते ... आपकी इन लाजवाब खूबसूरत चित्रों ने ये साबित कर दिया है ... चित्र बोल रहे हैं ...
जवाब देंहटाएंराजेश कुमारी जी,
जवाब देंहटाएंनमस्कार,
आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगसपाट डाट काम" के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" पर लिंक किया जा रहा है|
आपके यात्रा वृतांत ने काश्मीर की सैर करा दी. नयनाभिराम चित्रों ने मन मोह लिया.
जवाब देंहटाएंबेमिसाल खूबसूरत तसवीरें एवं चित्र।
जवाब देंहटाएंगुलमर्ग की वादियाँ ,खिलनमर्ग की खुशबू... कश्मीर तो स्वर्ग है
जवाब देंहटाएंजितना सुंदर चित्र, उतनि ही सुंदर यात्रा की प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका तहे दिल से शुक्रिया मेरे ब्लॉग पे आने के लिए और शुभकामनाएं देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंमुफ्त में जन्नत तो नहीं मगर धरती के स्वर्ग की सैर कराने के लिए आभार :):) ......
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्रों के साथ बढ़िया यात्रा विवरण. आभार.
जवाब देंहटाएंवाकई धरती का स्वर्ग है कश्मीर और हमे इस पर नाज़ है, बहुत ही सुंदर तस्वीरें हैं ऐसा लगा की मैं भी वहाँ पाहुच गया, मेरे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंकश्मीर घुमाने के लिए हार्दिक आभार..
जवाब देंहटाएंshukriya in khushiyon aur pics ko hamare sath share karne ke liye.
जवाब देंहटाएंthese picture truly shows why we call Kashmir JANNAT !!
जवाब देंहटाएंराजेश कुमारी जी , आप का आना बड़ा सुखद रहा !आभार !
जवाब देंहटाएं१९५८...का कश्मीर याद करा दिया,दिखा दिया ,जब मैं १६ साल का था
और आज मैं ७० वर्ष का ... फिर न जा सका ...बहुत सुहानी यादें जुडी वहाँ से ..
खुश और स्वस्थ रहें !
शुभकामनाएँ!
अपने आलेख में आपने शब्दों और चित्रों के माध्यम से कश्मीर की सदाबहार खूबसूरती को पकड़ने का व पाठकों के सामने प्रस्तुत करने का सुंदर प्रयास किया है. मैं स्वयं श्रीनगर में दो वर्ष रह कर आया हूँ. बहुत बहुत धन्यवाद.
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