To day is father's day.heart is surmounted by the thoughtes,remembrance of my late father.heavy heart allow me to write some thing today......dadicated to all fathers.
लक्ष्य भिन्न है दिशा भिन्न है
राह वही जो तूने दिखाई
विषय अलग है ,सार अलग है
सीख वही जो तूने सिखाई !
तन अपना है रूप अपना है
रक्त की लाली तेरी पाई!
मेरा कल तेरे दम से था
तेरे कल की छाया मुझमे समाई !
मुझमे निहित सारे संस्कार ,
तेरी धरोहर मेरे तात
मेरे अस्तित्व के सूत्र धार
मैं कृतार्थ ,मैं कृतार्थ !!
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