आओ आओ घोटाला करें
कोयले सा मुंह काला करें
हमसे है छोटी जमीन
आसमान भी नहीं बड़ा
कौन हमको छू पायेगा
हम जो निश्चिन्त हैं वहां
आओ हम मिल बैठ बाँट करें
कोई तो काण्ड हवाला करें
आओ आओ घोटाला करें
हाथ जोड़ें वोट पायें
पाँव पकड़ें वोट पायें
कुर्सी जब मिल जायेगी
जनता शीश झुकाएगी
जनता धन स्विस बैंकों में भरे
क्यूँ काम मेहनत वाला करें
आओ आओ घोटाला करें
जनता को दें छह सिलेंडर
खुद रख लें छ सौ सिलेंडर
इसका माल उसके अन्दर
उसका माल अपने अन्दर
हम क्यूँ अब किसीकी फ़िक्र करें
वो कर लें जो कंटाला करें
आओ आओ घोटाला करें
कभी स्टाम्प पेपर बदल
कभी पशु चारा खाकर
कभी शहीदों के कफ़न
बोफोर्स तोप के जैसा
आओ फिर नया अनुबंध करें
और कोई गड़बड़ झाला करें
आओ आओ घोटाला करें
अब तक कर सकी न जनता
चुनाव में क्या कर लेगी
हम सा बेशरम न कोई
नैतिकता क्या कर लेगी
नोट देख वोटर की लार झरे
बाकी काम मद्य हाला करें
आओ आओ घोटाला करें
आओ आओ घोटाला करें
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बढ़िया व्यंग्य
जवाब देंहटाएंशासन ही नहीं,शासित पर भी व्यंग्य है।
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंहम सबके लिये शर्म की बात है यह..हम घोटाले होने पर भी कुछ नहीं कर सकते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत तीखा कटाक्ष..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंसार्थक व्यंग्य है!
तीखा कटाक्ष
जवाब देंहटाएंबहुत बढियां...
सार्थक व्यंग्य ..
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा आपने की आज नैतिकता की परिभाषा ही बदल गई है और आम जनता तो मानो आदि हो चुकी है शायद अब रोज के अखबारों में भो लोग घोटालों की खबर पर एक उचटती सी नजर डालते हैं |
जवाब देंहटाएंdhardar vyang
जवाब देंहटाएंआओ आओ घोटाला करें ,
जवाब देंहटाएंहाई कमान के पदचिन्हों पर चलें .
इटली के दामाद बनें .
कृपया छ :/छह कर लें "छ" के स्थान पर .
जवाब देंहटाएंआओ आओ घोटाला करें ,
हाई कमान के पदचिन्हों पर चलें .
इटली के दामाद बनें .
आओ प्यारे बच्चों आओ ,
जवाब देंहटाएंघोटालों पर बलि बलि जाओ ,
इटली को सब शीश नवाओ .
बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंहकीकत के बहुत करीब है रचना
वाह बेहतरीन कटाक्ष.....
जवाब देंहटाएंक्या तीर चलाया है राजेश जी....
सादर
अनु
हां हां आओ जी घोटाला करें
जवाब देंहटाएंआओ आओ घोटाला करें (हास्य व्यंग्य )
जवाब देंहटाएंआओ आओ घोटाला करें
कोयले सा मुंह काला करें
हमसे है छोटी जमीन ..
राजेश कुमारी जी आपकी इस रचना ने उत्प्रेरक का काम
किया है लीजिए इसी तर्ज़ पर ......
वाड्रा गीत
सबसे प्यारा देश हमारा ,
घोटालों में सबसे न्यारा ,
आओ प्यारे बच्चों आओ ,
घोटालों पर बलि बलि जाओ .
एक साथ सब मिलकर गाओ ,
इटली का दामाद हमारा ,
हमको है प्राणों से प्यारा ,
कांग्रेस का राजदुलारा ..
घोटालों से हिंद हमारा .
घोटाला प्रिय देश हमारा ,
दुनिया में है सबसे न्यारा .
इटली का दामाद हमारा ,
हमको है प्राणों से प्यारा .
ऐसा ही है देश हमारा ,
फिर भी है प्राणों से प्यारा .
झंडा गीत गणेशशंकर विद्यार्थी ने पार्शल साहब से समय सीमा देके लिखवाया था .हमसे भी यह घोटाला गीत किसी ने लिखवाया है .और वह है जन जन
की आवाज़ .जनता और तो कुछ कर नहीं सकती निराश होकर गीत ही गा रही है .
वाह वीरेंद्र कुमार जी बहुत बढ़िया लिखा है
हटाएंनोट देख वोटर की लार झरे..!
जवाब देंहटाएंVery Nice said..!
bahut hi accha bolata hua kataksh
जवाब देंहटाएंशानदार पोस्ट है मेरे ब्लॉग विविधा पर आपका स्वागत है |
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