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गुरुवार, 4 अक्टूबर 2012

मुझे तलाश है उस भोर की


मुझे तलाश है उस भोर  की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
निज लक्ष्य  से ना हटें कभी 
अटूट  निश्चय पे डटें सभी 
ना सत्य वचन  से फिरें कभी 
ना निज मूल्यों से गिरें कभी 
जो गर्दन नीची कर दे 
मुझे तलाश है उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
दूजों के दुःख अपनाएँ हम 
 अक्षत पुष्प बरसायें हम 
नेह  का निर्झर  बहायें हम
जग  के संताप मिटायें हम
भगवन ऐसा अवसर दे 
मुझे तलाश है उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
प्रीत प्रकृति नव्य सृजन करे 
पूर्ण  समर्पित हिय भाव भरे 
तन मन  में सिमटी व्याधि हरे 
कलुषित कलंकित  भाव झरें 
मति संयत  उन्नत कर दे 
मुझे तलाश है उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
नई शक्ति का समावेश हो 
अनुद्दत आचरण विशेष  हो 
ना आक्रोश  ना आवेश हो 
नव्यजीवन सूत्र विशेष हो 
नवगीतों में नव स्वर दे   
मुझे तलाश है उस उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |

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23 टिप्‍पणियां:

  1. कलयुग जाने से रहा, फिर भी रविकर साथ ।

    सकल शुभेच्छा आपकी , पूर्ण करो हे नाथ ।

    पूर्ण करो हे नाथ, हाथ अब पुन: लगाओ ।

    पांच तत्व के साथ, जरा बारूद सटाओ ।

    तन की गर्मी बढ़े, जले वह करके भुग-भुग ।

    दुनिया को न खले, बदल जाए यह कलयुग ।।

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  2. bahut sundar prastuti,"jivn ko abhisinchit krde,sapno ko bahon me bhar de,ek bhor suhani aisi aaye,khusion ki jholi bhar de"enh shabdo ke sath

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  3. नवगीतों में नव स्वर दे

    बहुत सुंदर चाह से भरा गीत ...!!

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  4. मुझे तलाश है उस उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
    आमीन

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  5. बहुत सुंदर , क्या कहने



    मेरे नए ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए नया लेख
    http://tvstationlive.blogspot.in/2012/10/blog-post.html

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  6. बहुत सुन्दर भाव लिए रचना..
    सुन्दर...
    :-)

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (06-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  8. बहुत सुन्दर ...............मुझे तलाश है उस उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |

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  9. नयी सुबह कभी तो आएगी .... बहुत सुंदर ... सकारात्मक सोच से परिपूर्ण रचना

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  10. बहुत ही सुन्दर बधाई स्वीकारें

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  11. हर सुबह गहरी साँस में जीवन भर कर चल देता हूँ।

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  12. बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

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  13. ना आक्रोश ना आवेश हो..........BAHUT KHOOB...

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  14. इस भोर की तलाश हम सब को है । सुंदर आशावादी रचना ।

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