मुझे तलाश है उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
निज लक्ष्य से ना हटें कभी
अटूट निश्चय पे डटें सभी
ना सत्य वचन से फिरें कभी
ना निज मूल्यों से गिरें कभी
जो गर्दन नीची कर दे
मुझे तलाश है उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
दूजों के दुःख अपनाएँ हम
अक्षत पुष्प बरसायें हम
नेह का निर्झर बहायें हम
जग के संताप मिटायें हम
भगवन ऐसा अवसर दे
मुझे तलाश है उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
प्रीत प्रकृति नव्य सृजन करे
पूर्ण समर्पित हिय भाव भरे
तन मन में सिमटी व्याधि हरे
कलुषित कलंकित भाव झरें
मति संयत उन्नत कर दे
मुझे तलाश है उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
नई शक्ति का समावेश हो
अनुद्दत आचरण विशेष हो
ना आक्रोश ना आवेश हो
नव्यजीवन सूत्र विशेष हो
नवगीतों में नव स्वर दे
मुझे तलाश है उस उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
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कलयुग जाने से रहा, फिर भी रविकर साथ ।
जवाब देंहटाएंसकल शुभेच्छा आपकी , पूर्ण करो हे नाथ ।
पूर्ण करो हे नाथ, हाथ अब पुन: लगाओ ।
पांच तत्व के साथ, जरा बारूद सटाओ ।
तन की गर्मी बढ़े, जले वह करके भुग-भुग ।
दुनिया को न खले, बदल जाए यह कलयुग ।।
bahut sundar prastuti,"jivn ko abhisinchit krde,sapno ko bahon me bhar de,ek bhor suhani aisi aaye,khusion ki jholi bhar de"enh shabdo ke sath
जवाब देंहटाएंनवगीतों में नव स्वर दे
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चाह से भरा गीत ...!!
मुझे तलाश है उस उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
जवाब देंहटाएंआमीन
बहुत सुंदर , क्या कहने
जवाब देंहटाएंमेरे नए ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए नया लेख
http://tvstationlive.blogspot.in/2012/10/blog-post.html
बहुत सुन्दर भाव .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव लिए रचना..
जवाब देंहटाएंसुन्दर...
:-)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (06-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत सुन्दर ...............मुझे तलाश है उस उस भोर की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब! वाह!
जवाब देंहटाएंकृपया इसे भी देखें-
नाहक़ ही प्यार आया
बहुत ख़ूब! वाह!
जवाब देंहटाएंकृपया इसे भी देखें-
नाहक़ ही प्यार आया
आज 06-10-12 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएं.... आज की वार्ता में ... उधार की ज़िंदगी ...... फिर एक चौराहा ...........ब्लॉग 4 वार्ता ... संगीता स्वरूप.
बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंनयी सुबह कभी तो आएगी .... बहुत सुंदर ... सकारात्मक सोच से परिपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत ! अति सुंदर भाव !
जवाब देंहटाएं~सादर
हर सुबह गहरी साँस में जीवन भर कर चल देता हूँ।
जवाब देंहटाएंwaah rajesh kumari ji bahut sundar geet badhai ..........aapki rachnao ki talash to sada rahati hai :)
हटाएंबहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंना आक्रोश ना आवेश हो..........BAHUT KHOOB...
जवाब देंहटाएंham bhi aapki is talash me aapke sath hain rajesh ji.badhai
जवाब देंहटाएंइस भोर की तलाश हम सब को है । सुंदर आशावादी रचना ।
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