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शुक्रवार, 29 जून 2012

कुछ याद गार लम्हे डल लेक और कश्मीर के कुछ अन्य मुख्य भागों के


डल लेक आइये आपको डल लेक जो श्रीनगर में है उसकी सैर कराती हूँ सबसे पहले कुछ जानकारी की बातें  हो जाए ।डल लेक श्रीनगर की दूसरी सबसे बड़ी झील है जिसके शोर लाइन की लम्बाई १५.५ किलोमीटर और चौड़ाई १८.५ किलोमीटर है |इसे दूसरे निक नाम से भी जाना जाता है ...ज्वैल इन दा क्राउन ऑफ़ कश्मीर |इसमें चलते हुए रंगबिरंगे शिकारे बड़े मनमोहक लगते हैं और इसके कुछ किनारों पर रात को ठहरने के लिए हाउसबोट बने हुए हैं जो पानी के अन्दर ही हैं \शिकारों से आप पूरी झीक की सैर कर सकते हैं इस झील में ही कुछ अद्दभुत दर्शनीय पॉइंट हैं जैसे ..वाटर स्पोर्ट्स पॉइंट ,लोटस गार्डेन ,नेहरु गार्डन ,और खूबसूरत मार्केट ---देखिये चित्र 
यहाँ इस वक़्त एक घटना घटी की मेरी नातिन का पहला दांत टूट गया शिकारे वाले ने खुश होकर बताया की यहाँ तो दूर दूर से लोग अपने बच्चों के दूध के पहले टूटे दांत को कपडे में लपेट कर डालने आते हैं और मेरी नातिन के साथ ये इत्तेफाक  ही हुआ फिर उसने ख़ुशी से वो लेक में डाल दिया।
मेरी फोटोग्राफी का शायद आप भी आनंद उठायेंगे ।
ये देखिये अब हम लोटस गार्डन पहुच गए ।
बेबी महिका ने चलते चलते पलाश पत्ता तोड़ लिया  शरारत में  मेरे ऊपर पानी भी फेंक रही है।
अब चलते हैं नेहरु गार्डन में यह गार्डन पानी पर झील में ही बना हुआ है बहुत ही खूबसूरत है देखिये यहाँ केफेटेरिया भी है 
देखिए गरमागरम पकौड़े वाला भी आ गया ।
 फल वाला भी आ गया ।
अब आगे चलते हैं ---मार्केट  में 
 देखिये बेंक भी साथ चल रहा है -- अब अंत में डल  लेक का बस एक और फोटो जो लगता है मैंने अच्छा  खींचा है 
देखो आया ना पसंद ??अब कश्मीर के कुछ खास जगह चलते हैं वहां के लोगों से मिलते हैं ।
यहाँ हम ईको पार्क गए जो बारामुला में है  उरी की और जाते हुए देखिये चित्र 
वहां के बच्चों का एक ग्रुप मिला टीचर के साथ और हम से घुल मिल गए बहुत खुश दीख रहे थे हमारे पूछने पर बताया की ऐसा अवसर घूमने का कभी कभी मिलता है जब शान्ति होती है लगा वहां के माहोल में बच्चे कुम्हला एहे हैं फिर भी उस दिन बहुत खुश थे देखिये चित्र ।
चलिए अब और आगे चलते हैं ।
हमे एक जगह एक घर ने बहुत आकर्षित  किया बहुत खूबसूरत लगा कैमरे में कैद करना चाहती थी पता चला उस गाँव के सरपंच का मकान है बहुत नेक आदमी लगे बहुत अच्छे से मिले घर भी बुला रहे थे बोले हमे आपसे बहुत ख़ुशी हुई मिलके हमे कुछ खिदमत करने का मौका दीजिये मगर हमारे पास वक़्त कम था अतः क्षमा मांगकर उनकी तस्वीर लेकर चले आये देखिये चित्र --
इसके बाद अगले दिन हमे जंगलों में ट्रेकिंग करनी थी प्रकृति की गोद में बिताना था पूरा दिन हमारा बहुत पुराना सपना पूरा होने वाला था अतः अगले दिन की इन्तजार में जल्दी  लौट आये ।
ट्रेकिंग का दिन --- 
आज का दिन बहुत ख़ास था हमे  पहाड़ों के घने जंगलों में ट्रेकिंग करनी थी हाथों में एक एक छड़ी दे दी गई सुरु में हमने बोला इसकी जरूरत नहीं पर हमे लेनी पड़ी जिसकी उपयोगिता आगे चलकर पता चली जंगलों में भालू ,लेपर्ड वाइल्ड केट का भी खतरा था पर हमे दर नहीं थी सिक्योरिटी हमारे साथ थी 
आप भी उन चित्रों का मजा लीजिये 
अभी तो शुरुआत है ---
अब अंत में एक महत्वपूर्ण जगह का चित्र जहां पर पाकिस्तानी  हिन्दुस्तान में और हिन्दुस्तानी पकिस्तान में बस द्वारा बोर्डर क्रास करते हैं और इस जगह अपना लगेज चेक करने और बस की इन्तजार करने बैठते हैं 

और इस तरह कश्मीर की वादियों की यादें दिल में बसा कर वापस लौट आये चित्र तो मेरे पास हजारों हैं सोचती हूँ आप भी कब तक सहन करेंगे अब मैं इस अंतिम चित्र के साथ अपना संस्मरण यहीं समाप्त करती हूँ शुभ विदा ।जय हिंद 

23 टिप्‍पणियां:

  1. वाह मज़ा आ गया ...घर बैठे बैठे कश्मीर की वादियों और खूबसूरत फिज़ा का लुत्फ़ उठा लिया ....इसे कहते हैं हींग लगे न फिटकरी रंग चोखे का चोखा ...आभार राजेशजी !

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  2. वाह: बहुत सुन्दर..कश्मीर की वादियो का मजा घर बैठे हमने भी लेलिया..वैसे कश्मीर को प्रत्यक्ष देखने की मेरी भी तमन्ना है.....पता नही कब पूरी होगी..

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  3. अपनी जिन्दगी की... जवानी के हसीं पल गुज़ारे है मैंने यहाँ पुरे दो महीने १९५८ में ...
    बहुत-बहुत आभार ...हसीं यादोँ में ले जाने का .....
    शुभकामनाएँ!

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  4. वाह ! घर बैठे काश्मीर की वादियों की सैर करा दी...बहुत सुन्दर चित्रमय प्रस्तुति....आभार

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  5. सुन्दर चित्रावली देखकर मन प्रसन्न हो गया .
    अब तो जाने का मन बन रहा है .

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  6. बहुत सुन्दर.....................
    शुक्रिया राजेश जी मुफ्त के सैर सपाटे के लिए...
    :-)

    अनु

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  7. खूबसूरत लम्हों कों कैद कर लिया है आपने तो ...
    सभी चित्र कहानी कहते हुवे ... मज़ा आया पढ़ के ...

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  8. बहुत सुंदर विवरण और मनमोहक चित्र....काश्मीर की सुंदरता मन को लुभाती है

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  9. खूबसूरत तश्वीरों ने मन मोह लिया। पहली वाली तश्वीर गज़ब की है।

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  10. सौन्दर्य मनमोहक है, सुन्दर वर्णन भी..

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  11. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  12. ☺ वाह दि‍ल्‍ली की गर्मी से छूट गए इसे पढ़-देख कर

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  13. बहुत सुंदर
    श्रीनगर की तस्वीर आंखो के सामने घूम गई

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  14. ओह!
    बहुत ही सुन्दर चित्रमय प्रस्तुति.

    १९८८ में कश्मीर गए थे, आपने यादें ताजा कर दी.
    बहुत अच्छी जानकारियाँ भी दी हैं.क्या डललेक में
    चार चिनार अभी भी हैं.और हाँ चश्में शाही का पानी.
    कहते हैं नेहरु जी उसी पानी को पिया करते थे.
    खाया पिया सब हजम कर देता है.

    समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईएगा,राजेश जी.

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  15. गर्मी में कश्मीर की सैर बहुत सुखदायी लगी .... सुंदर चित्र

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  16. सुंदर छवि डल लेक की मुफ्त देख ली आज
    सचमुच यह काश्मीर का रत्न जड़ित है ताज |

    महानगर कस्बा जिला या हो कोई गाँव
    मेरे स्टेट बैंक की,सभी जगह है छाँव |

    गर्म पकौड़े नाव पर, अद्भुत दें आनंद
    कोई भी मौसम रहे, आयें खूब पसंद |

    मन भाया सरपंच का, आलीशान मकान
    आगत का स्वागत करे, मेरा देश महान |

    नदिया पर्वत झील और धूप छाँव का खेल
    जीवन जिसका नाम है,वो सुख दुख का मेल |

    जवाब देंहटाएं
  17. सभी की इतनी प्यारी प्यारी टिपण्णी से मेरा लेखन सार्थक हो गया... वाह अरुण जी वाह आपने तो मेरे संस्मरण को धन्य कर दिया इन दोहों से ,

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  18. बड़ी अच्छी यात्रा संस्मरण और संग्रह योग्य चित्र. चित्रों के साथ ऐसा लग रहा है कि हम खुद वहाँ हैं.

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  19. कृपया चर्चामंच की टिप्पणी पर एक बार फिर से दृष्टिपात करें.और अपने विचार प्रकट वहाँ (फिर से) करें.

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  20. सुंदर छवि डल लेक की मुफ्त देख ली आज
    सचमुच यह काश्मीर का रत्न जड़ित है ताज |

    महानगर कस्बा जिला या हो कोई गाँव
    मेरे स्टेट बैंक की,सभी जगह है छाँव |

    गर्म पकौड़े नाव पर, अद्भुत दें आनंद
    कोई भी मौसम रहे, आयें खूब पसंद |

    मन भाया सरपंच का, आलीशान मकान
    आगत का स्वागत करे, मेरा देश महान |

    नदिया पर्वत झील और धूप छाँव का खेल
    जीवन जिसका नाम है,वो सुख दुख का मेल ....

    Arun nigam ji ki tippani ko meri bhi samjhi jaaye....Smiles.... Very interesting travelogue.... I wish i can visit this beautiful place ASAP.....:) :)

    .

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