अभी तक गई नहीं तुम्हारी आदत
हर जगह मेरा नाम लिखने की !
वो भी दिन थे
जब तुम रंग बिरंगी चॉक से
लिख देते थे मेरा नाम श्यामपट्ट पर
और उपहास के पात्र बनते थे हमदोनो!
कभी मेरे घर के इर्द गिर्द घूमते हुए
दीवारों पर
कभीचुपके से फेंके हुए मेरे आँगन में
अपने ख़त में ,
लिख देते थे खून से मेरा नाम !
फिर तुमने उस दिन
रस्मो रिवाजो की मौजूदगी में
लिख दिया था मेरा नाम हिना से
अपनी हथेली पर !
और न जाने कितनी चांदनी रातों में
लिख देते थे चाँद पर उंगली से मेरा नाम !
देखो आज भी उस पत्थर पर
जिसके नीचे मैं सोई हूँ
लिख रहे हो रंगहीन आंसुओं से
मेरा नाम !
तुम कहते हो कि
तुम्हारे रंग खो गए हैं कहीं!
मेरी गुजारिश है तुमसे
कि आज से तुम अपने दिल पर
कोई नया नाम लिखो
धीरे धीरे खोये रंग भी लौट आयेंगे
और मेरी रूह को चैन भी मिल जाएगा !
बहुत सुन्दर..!
जवाब देंहटाएंkalamdaan.blogspot.in
तुम कहते हो कि
जवाब देंहटाएंतुम्हारे रंग खो गए हैं कहीं!
मेरी गुजारिश है तुमसे
कि आज से तुम अपने दिल पर
कोई नया नाम लिखो
धीरे धीरे खोये रंग भी लौट आयेंगे
और मेरी रूह को चैन भी मिल जाएगा !...इसे ही प्यार कहते हैं
ओह , बहुत भावप्रवण रचना ।
जवाब देंहटाएंoh,rumani touch.very good.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंवाकई सच्चा प्रेम है ये..
बहुत भावुक अभिव्यक्ति..
सादर.
प्रेम में ऐसी चाह ... इसी को तो प्रेम कहते हैं ... दुसरे ले जीवन में तंग भरने की चाह ...
जवाब देंहटाएंरंग मिलेंगे सिर्फ वहीं पर, आखों का पर्दा हटना हो..
जवाब देंहटाएंsachhaa prem,har haal mein khush dekhne kee tamannaa
जवाब देंहटाएंयही तो है सच्चा प्यार
जवाब देंहटाएंप्रेम के रस से सराबोर
बहूत हि सुंदर ,भावूक कर देनेवाली
अभिव्यक्ती है ....
बेहद खूबसूरत कविता।
जवाब देंहटाएंसादर
Great creation ma'am...very Romantic...loving it.
जवाब देंहटाएंवाह!!!!!बहुत सुंदर भाव पुर्ण प्रस्तुति ,अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंनई रचना ...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
...फुहार....: कितने हसीन है आप.....
बेहद भावप्रवण रचना।
जवाब देंहटाएंआज से तुम अपने दिल पर
जवाब देंहटाएंकोई नया नाम लिखो
धीरे धीरे खोये रंग भी लौट आयेंगे
और मेरी रूह को चैन भी मिल जाएगा !
यत्र-तत्र लिखे नामाक्षर जीवन की धुरी बन जाते हैं।
प्रभावशाली रचना।
भावप्रवण रचना ...बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक सृजन, बधाई.
जवाब देंहटाएंएक सुन्दर भावप्रवण प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआशा
बेरंग आंसू आपकी गुज़ारिश पर गौर करें...
जवाब देंहटाएंआखिर ज़िन्दगी को तो चलते ही रहना है!
कि आज से तुम अपने दिल पर
जवाब देंहटाएंकोई नया नाम लिखो
धीरे धीरे खोये रंग भी लौट आयेंगे
और मेरी रूह को चैन भी मिल जाएगा !जीवंत संस्मरण के साथ सार्थक सन्देश भी.......बहुत कुछ कहती हुई रचना एकाकी पन की पीड़ा का भी संकलन बेहद प्रभावशाली रचना राजेश जी बदलते वक्त के साथ नाम लिखना मुमकिन कहाँ हो पता है .....फिल हाल सादर बधाई के साथ सादर आभार भी .
बहुत गहन..प्रभावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंकि आज से तुम अपने दिल पर
जवाब देंहटाएंकोई नया नाम लिखो
धीरे धीरे खोये रंग भी लौट आयेंगे
और मेरी रूह को चैन भी मिल जाएगा !
बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति. बधाई.
बहुत भावपूर्ण ...मन को छूती हुई ...बहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंबधाई .
प्रेम और समर्पण की अनन्य अभिव्यक्ति जहां स्वयं के मिटने में ही पूर्णता का एहसास है।
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
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