तोड़ कर फेंक ना मुझे राहों में इस तरह ,
तेरे ही दामन में उलझ जाउंगी कभी !
छू ले अपने अधरों से मेरी ग़ज़ल का प्याला
वरना टूट के बिखर जाउंगी तेरे क़दमों में कभी !
अपने दिल से मुझे इस तरह तू दूर ना कर
छुप कर बैठ जाउंगी तेरे हाथों की लकीरों में कभी !
खुदा के वास्ते यूँ गुरूर करना ठीक नहीं
तेरी रुसवाई की आंधी ना बन जाऊं कभी !
तेरे हाथो में लिए अखबार की कसम
इसी की सुर्खियाँ ना बन जाऊं कभी !
अपने दिल से मुझे इस तरह तू दूर ना कर
जवाब देंहटाएंछुप कर बैठ जाउंगी तेरे हाथों की लकीरों में कभी !waah, bahut hi sundar
बहुत सुन्दर लिखा है आपने बधाई
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत गहरी बात कह दी है आपने इस गज़ल में ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन गजल है।
जवाब देंहटाएं-----
कल 22/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत खूब..
जवाब देंहटाएंतेरे हाथो में लिए अखबार की कसम
जवाब देंहटाएंइसी की सुर्खियाँ ना बन जाऊं कभी !
इस तरह किसी को डराना ठीक नही……………सुन्दर प्रस्तुति।
उम्दा और शानदार ...
जवाब देंहटाएंhar sher bahut sundar...
जवाब देंहटाएंतेरे हाथो में लिए अखबार की कसम
इसी की सुर्खियाँ ना बन जाऊं कभी !
daad sweekaaren.
शानदार उम्दा लफ्जो से लिखी 'एक गजल,रचना मुझे बेहद पसंद आयी,
जवाब देंहटाएंपहली बार आपके ब्लॉग आना मेरा सार्थक रहा....बधाई
गजल की तासीर उसकी गहराईयों का पता देती है ,महफूज कर देती है ,उसकी स्वीकार्यता को , शुक्रिया ,शिल्प का ..../
जवाब देंहटाएंउम्दा लेखन....
जवाब देंहटाएंआद वंदना जी सहमत...
सादर बधाई...
बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंबहुत हि दिल से दिल के करीब महसूस होती मालुम पड़ी!
शुभकामनायें!
बहुत ही खुबसूरत....
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत प्रस्तुति| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंहरेक शेर अच्छा लगा ...बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंअपने दिल से मुझे इस तरह तू दूर ना कर
जवाब देंहटाएंछुप कर बैठ जाउंगी तेरे हाथों की लकीरों में कभी !
...बहुत सुन्दर
बहुत सुंदर प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर सृजन के लिए बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंसमय- समय पर मिले आपके स्नेह, शुभकामनाओं तथा समर्थन का आभारी हूँ.
प्रकाश पर्व( दीपावली ) की आप तथा आप के परिजनों को मंगल कामनाएं.
सुंदर भावों की प्रस्तुति ग़ज़ल के रूप में !
जवाब देंहटाएंबहुत बढि़या।
बहुत बढ़िया लिखा है...सुर्खियाँ बहुत अच्छी लगी..वाह.
जवाब देंहटाएंसराहनीय रचना.
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की शुभकामनायें.
दीये की लौ की भाँति
जवाब देंहटाएंकरें हर मुसीबत का सामना
खुश रहकर खुशी बिखेरें
यही है मेरी शुभकामना।
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बहुत ही खुबसूरत प्रस्तुति|
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