you are welcome on this blog.you will read i kavitaayen written by me,or my creation.my thoughts about the bitterness of day to day social crimes,bad treditions .
fark behad khoobsurat hai....
वाह!तुम ख़्वाबों में जी लेते हो हम तुम बिन जी नहीं सकते !फर्क बस इतना है !! विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
fark behad khoobsurat hai....
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंतुम ख़्वाबों में जी लेते हो
हम तुम बिन जी नहीं सकते !
फर्क बस इतना है !!
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com