बस पांच मिनट का पड़ाव
उस स्टेशन पर
देख रही हूँ उस पार किस तरह
वो उस हथौड़े को
अपने सर के ऊपर तक ले जाकर
खटाक से वार कर रहा है
उस लोहे पर जिसको
चूड़ियों से भरे दो हाथ
थाम रहे हैं दोनों और से
कितना आत्म विशवास है
उन दोनों को अपने उन हाथों पर
लोहा इच्छित आकार
लेता जा रहा है धीरे-धीरे
सोच रही हूँ क्या कोई फर्क है
इस लोहे और उन दो इंसानों में
निर्धनता के हथौड़े ने
इनके जिस्म ,व् मस्तिष्क
को भी तो ढाल दिया है एक सांचे में
तभी तो हर वार इतना अचूक
गति में कंही कोई त्रुटी नहीं
व्यवधान नहीं
एक मशीनी कल पुर्जों की तरह
दुनिया से बेखबर अपने उद्यम में
संलग्न हैं वे दोनों
मशीनी मानव
!!
**************************
अपने कार्य में रत, भाव विहीन, मशीनी मानव की तरह।
जवाब देंहटाएंदुनिया से बेखबर अपने उद्यम में
जवाब देंहटाएंसंलग्न हैं वे दोनों ,,,उत्कृष्ट सुंदर रचना,,,
Recent post: जनता सबक सिखायेगी...
राजेश जी सुन्दर व मार्मिक अभिव्यक्ति......
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मार्मिक अभिव्यक्ति .मन को छू गयी .आभार . बस यही कल्पना
जवाब देंहटाएंहर पुरुष मन की .
साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
दुनिया से बेखबर अपने उद्यम में
जवाब देंहटाएंसंलग्न हैं वे दोनों
मशीनी मानव !!
बहुत सुन्दर अनोखा बिम्ब ...!!
अविराम पढता गया और फिर अपलक देखता रहा पंक्तियों को चुपचाप...
जवाब देंहटाएंकुँवर जी,
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंमार्मिक रचना..
सादर
अनु
बहुत बढ़िया अवलोकन और प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं'खटाक से वार कर रहा है
जवाब देंहटाएंउस लोहे पर जिसको
चूड़ियों से भरे दो हाथ
थाम रहे हैं दोनों और से
कितना आत्म विशवास है
उन दोनों को अपने उन हाथों.. पर .'
-यह आत्म-विश्वास मशीनी-मानव का नहीं ,परस्पर विश्वास से सधे हथौड़ेवाले और चूड़ी वाले हाथों का है जो लोहे को ढाल रहा है !
आदरेया राजेश कुमारी जी, पाँच मिनट के पड़ाव में यथार्थ को शब्द-चित्र में उकेर देना आसान नहीं होता. इस दृश्य को कितनी ही आँखें रोज देखती हैं.किंतु मशीनी-मानव के मर्म को विरले ही पढ़ पाते हैं.इस दृष्टि को नमन.....
जवाब देंहटाएंसुंदर शब्द चित्र..
जवाब देंहटाएंआपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज ३० मई, २०१३, बृहस्पतिवार के ब्लॉग बुलेटिन - जीवन के कुछ सत्य अनुभव पर लिंक किया है | बहुत बहुत बधाई |
जवाब देंहटाएंसचमुच आपने बहुत ही सूक्ष्म निरीक्षण कर अति सुन्दर रूप मेँ प्रस्तुत किया है। बधाई।
जवाब देंहटाएं