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सोमवार, 8 अगस्त 2011

दिलों की ये तंग गलियां


चैन से जीने ना देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग 
गलियां !
अपने नेक इरादों में सच्चाई भर दे, 
अपनी उम्मीदों में अच्छाई भर दे ,
तू बन के बिखर जा राह में इत्र की कलियाँ !
वरना चैन से जीने  देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग  



गलियां !
तू व्योम की व्यापकता की चादर ओढ़ ले ,
तू धरा के गाम्भीर्य को अंजलि में भरले, 
तू अपनी बाहों की परिधि में बसा ले दुनिया !
वरना चैन से जीने  देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग   
गलियां !
 अश्कों से बनी इस मेड़ को मिट्टी में मिला दे, 
मरते हैं जहाँ जिस्म वहां फूल खिला दे, 


तू बन जा मसीहा सराहेंगी सदियाँ! 
वरना चैन से जीने  देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग 

गलियां!



24 टिप्‍पणियां:

  1. एक नेक दिल की ख्वाइश ...
    बहुत सुंदर विचार.
    बधाई एवं शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीया राजेश कुमारी जी
    स्नेहिल स्मृतियां !
    सादर अभिवादन !

    बहुत सुंदर गीत लिखा है -
    अपने नेक इरादों में सच्चाई भर दे,
    अपनी उम्मीदों में अच्छाई भर दे ,
    तू बन के बिखर जा राह में इत्र की कलियां

    बहुत सुंदर ! इत्र की कलियां बिंब का प्रयोग दिल चुरा ले गया :)

    अश्कों से बनी इस मेड़ को मिट्टी में मिला दे,
    मरते हैं जहां जिस्म वहां फूल खिला दे,
    तू बन जा मसीहा सराहेंगी सदियां


    पूरी रचना सुंदर और प्रभावित करने वाली है …
    वाह वाऽऽह !



    मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ
    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    -राजेन्द्र स्वर्णकार

    जवाब देंहटाएं
  3. आपके यहां उपस्थिति अंकित नहीं कर पाया बहुत समय से …
    अपने स्नेह-अपनत्व से कभी वंचित न कर देना प्लीज़ …

    जवाब देंहटाएं
  4. तू अपनी बाहों की परिधि में बसा ले दुनिया !
    वरना चैन से जीने न देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग

    वाह...बहुत अच्छी रचना...

    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत खूबसूरत भाव ... अच्छी प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  6. तू बन जा मसीहा सराहेंगी सदियाँ!
    वरना चैन से जीने न देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग गलियां!

    बहुत ही अच्छी रचना और सलाह भी....आभार..
    आपका स्वागत है मेरे ब्लाग पर..

    जवाब देंहटाएं
  7. कविता का रूप और भाव दोनों भाव विरेचक ,पथ प्रदर्शक रूह को आराम देता -
    चैन से जीने ना देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग
    गलियां !
    अपने नेक इरादों में सच्चाई भर दे,
    अपनी उम्मीदों में अच्छाई भर दे ,
    तू बन के बिखर जा राह में इत्र की कलियाँ !
    वरना चैन से जीने न देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग
    ...क्‍या भारतीयों तक पहुंच सकेगी जैव शव-दाह की यह नवीन चेतना ?
    Posted by veerubhai on Monday, August 8
    Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन ttp://sb.samwaad.com/ .शुक्रिया डॉ श्याम गुप्त जी .कृपया यहाँ भी बिराजें -
    http://veerubhai1947.blogspot.com/
    सोमवार, ८ अगस्त २०११
    What the Yuck: Can PMS change your boob size?

    जवाब देंहटाएं
  8. क्या बात है..बहुत खूब....बड़ी खूबसूरती से दिल के भावों को शब्दों में ढाला है.

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन भाव, तंग गलियों से निकलना होगा।

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत ही बढि़या

    नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया
    चलो मेरा लिखा मत पढ़ो,


    पोस्ट आपका इंतजार कर रहीं हैं

    जवाब देंहटाएं
  11. दिलों की तंग गलियों को बाई-पास की ज़रूरत पड़ेगी...अच्छा है की आपका कहना मान लिया जाए...

    जवाब देंहटाएं
  12. जो व्यक्ति अपने आप को एहम मान लेता है उसका विकास रुक जाता है जो अपने यार दोस्तों ,अपने बहुत अपनों की उपलब्धि पर गौरवान्वित नहीं हो सकता उनके गुणों को पहन बिछा ,ओढ़ कर उसके गुणगान में नांच नहीं सकता वह बहुत अभागा है .ब्लॉग पर आपकी सक्रियता ,द्रुत टिपियाने पर ,ब्लॉग -मित्रा बने रहें पर बधाई .
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
    Wednesday, August 10, 2011
    पोलिसिस -टिक ओवेरियन सिंड्रोम :एक विहंगावलोकन .
    व्हाट आर दी सिम्टम्स ऑफ़ "पोली -सिस- टिक ओवेरियन सिंड्रोम" ?


    सोमवार, ८ अगस्त २०११



    What the Yuck: Can PMS change your boob size?

    http://sb.samwaad.com/
    ...क्‍या भारतीयों तक पहुंच सकेगी जैव शव-दाह की यह नवीन चेतना ?
    Posted by veerubhai on Monday, August ८
    बहुत अच्छा काम कर रहें हैं आप .बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  13. संवेदनाओं से भरी है ये रचना ... अच्छी लगी बहुत ही ...

    जवाब देंहटाएं