चैन से जीने ना देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग
गलियां !
गलियां !
अपने नेक इरादों में सच्चाई भर दे,
अपनी उम्मीदों में अच्छाई भर दे ,
तू बन के बिखर जा राह में इत्र की कलियाँ !
वरना चैन से जीने न देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग गलियां !
तू व्योम की व्यापकता की चादर ओढ़ ले ,
तू धरा के गाम्भीर्य को अंजलि में भरले, तू व्योम की व्यापकता की चादर ओढ़ ले ,
तू अपनी बाहों की परिधि में बसा ले दुनिया !
वरना चैन से जीने न देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग
गलियां !
अश्कों से बनी इस मेड़ को मिट्टी में मिला दे,
मरते हैं जहाँ जिस्म वहां फूल खिला दे,
तू बन जा मसीहा सराहेंगी सदियाँ!
वरना चैन से जीने न देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग
गलियां!
एक नेक दिल की ख्वाइश ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर विचार.
बधाई एवं शुभकामनायें.
very nice .. bahut badhiya.
जवाब देंहटाएंvery good
जवाब देंहटाएंआदरणीया राजेश कुमारी जी
जवाब देंहटाएंस्नेहिल स्मृतियां !
सादर अभिवादन !
बहुत सुंदर गीत लिखा है -
अपने नेक इरादों में सच्चाई भर दे,
अपनी उम्मीदों में अच्छाई भर दे ,
तू बन के बिखर जा राह में इत्र की कलियां
बहुत सुंदर ! इत्र की कलियां बिंब का प्रयोग दिल चुरा ले गया :)
अश्कों से बनी इस मेड़ को मिट्टी में मिला दे,
मरते हैं जहां जिस्म वहां फूल खिला दे,
तू बन जा मसीहा सराहेंगी सदियां
पूरी रचना सुंदर और प्रभावित करने वाली है …
वाह वाऽऽह !
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
आपके यहां उपस्थिति अंकित नहीं कर पाया बहुत समय से …
जवाब देंहटाएंअपने स्नेह-अपनत्व से कभी वंचित न कर देना प्लीज़ …
तू अपनी बाहों की परिधि में बसा ले दुनिया !
जवाब देंहटाएंवरना चैन से जीने न देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग
वाह...बहुत अच्छी रचना...
नीरज
बहुत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत भाव ... अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाहा ...बहुत ही बढि़या ।
जवाब देंहटाएंतू बन जा मसीहा सराहेंगी सदियाँ!
जवाब देंहटाएंवरना चैन से जीने न देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग गलियां!
बहुत ही अच्छी रचना और सलाह भी....आभार..
आपका स्वागत है मेरे ब्लाग पर..
कविता का रूप और भाव दोनों भाव विरेचक ,पथ प्रदर्शक रूह को आराम देता -
जवाब देंहटाएंचैन से जीने ना देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग
गलियां !
अपने नेक इरादों में सच्चाई भर दे,
अपनी उम्मीदों में अच्छाई भर दे ,
तू बन के बिखर जा राह में इत्र की कलियाँ !
वरना चैन से जीने न देंगी तुम्हारे दिलों की ये तंग
...क्या भारतीयों तक पहुंच सकेगी जैव शव-दाह की यह नवीन चेतना ?
Posted by veerubhai on Monday, August 8
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन ttp://sb.samwaad.com/ .शुक्रिया डॉ श्याम गुप्त जी .कृपया यहाँ भी बिराजें -
http://veerubhai1947.blogspot.com/
सोमवार, ८ अगस्त २०११
What the Yuck: Can PMS change your boob size?
क्या बात है..बहुत खूब....बड़ी खूबसूरती से दिल के भावों को शब्दों में ढाला है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भावप्रणव रचना!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव, तंग गलियों से निकलना होगा।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढि़या
जवाब देंहटाएंनीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया
चलो मेरा लिखा मत पढ़ो,
पोस्ट आपका इंतजार कर रहीं हैं
Bahut Sunder.....Gahan Abhivykti...
जवाब देंहटाएंदिलों की तंग गलियों को बाई-पास की ज़रूरत पड़ेगी...अच्छा है की आपका कहना मान लिया जाए...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना....
जवाब देंहटाएंजो व्यक्ति अपने आप को एहम मान लेता है उसका विकास रुक जाता है जो अपने यार दोस्तों ,अपने बहुत अपनों की उपलब्धि पर गौरवान्वित नहीं हो सकता उनके गुणों को पहन बिछा ,ओढ़ कर उसके गुणगान में नांच नहीं सकता वह बहुत अभागा है .ब्लॉग पर आपकी सक्रियता ,द्रुत टिपियाने पर ,ब्लॉग -मित्रा बने रहें पर बधाई .
जवाब देंहटाएंhttp://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
Wednesday, August 10, 2011
पोलिसिस -टिक ओवेरियन सिंड्रोम :एक विहंगावलोकन .
व्हाट आर दी सिम्टम्स ऑफ़ "पोली -सिस- टिक ओवेरियन सिंड्रोम" ?
सोमवार, ८ अगस्त २०११
What the Yuck: Can PMS change your boob size?
http://sb.samwaad.com/
...क्या भारतीयों तक पहुंच सकेगी जैव शव-दाह की यह नवीन चेतना ?
Posted by veerubhai on Monday, August ८
बहुत अच्छा काम कर रहें हैं आप .बधाई .
बहुत बढ़िया प्रस्तुति......
जवाब देंहटाएंब्लॉग की 100 वीं पोस्ट पर आपका स्वागत है!
shandar,,,
जवाब देंहटाएंvery nice .. bahut badhiya.
जवाब देंहटाएंbahut sunder rachna, padhna man bhaya.
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
संवेदनाओं से भरी है ये रचना ... अच्छी लगी बहुत ही ...
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