“भाभी अगर कल तक मेरी राखी की पोस्ट आप तक नहीं पँहुची तो परसों मैं आपके यहाँ
आ रही हूँ भैया से कह देना ” कह कर रीना
ने फोन रख दिया|
अगले दिन भाभी ने सुबह ११
बजे ही फोन करके कहा ‘रीना राखीपँहुच गई हैं” पर भाभी मैंने तो इस बार राखी पोस्ट ही नहीं की थी!!! ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ओह...निशब्द हूँ....
जवाब देंहटाएंक्या कहें
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (23-08-2014) को "चालें ये सियासत चलती है" (चर्चा मंच 1714) पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आज के रिश्तों का सच...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंसटीक रचना
जवाब देंहटाएंbahut steek sarthak katha...sach yaahi hai aaj k rishto ka
जवाब देंहटाएंअंत:करन से जुडी हुई भावनाओं को व्यक्त करती सुन्दर रचना है. बधाई.
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