जब तलक पँहुचे लहर अपने मुहाने तक
साथ क्या दोगे मेरा तुम उस ठिकाने तक
हीर राँझे की कहानी हो बसी जिसमे
ले चलोगे क्या मुझे तुम उस जमाने तक
प्यार का सैलाब जाने कब बहा लाया
हम सदा डरते रहे आँसू बहाने तक
थी बहुत मासूम अपने प्यार की मिटटी
दर्द ही बोते रहे अपने बेगाने तक
क्यों करें परवाह हम अब इस ज़माने की
हर कदम पे जो मिला बस दिल दुखाने तक
छोड़ दी किश्ती भँवर में आज ये साथी
जिंदगी गुजरे फ़कत अब इक फ़साने तक
तू मेरा महबूब अब ये जिंदगी तेरी
खूब गुजरेगी ख़ुदा के पास जाने तक
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आभार आदरेया-
जवाब देंहटाएंबढ़िया गजल-
वाह ! बहुत सुंदर अहसास..
जवाब देंहटाएंतू मेरा महबूब अब ये जिंदगी तेरी
जवाब देंहटाएंखूब गुजरेगी ख़ुदा के पास जाने तक.. वाह बढ़िया गजल-
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (18-02-2014) को "अक्ल का बंद हुआ दरवाज़ा" (चर्चा मंच-1527) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह, बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंलाजबाब ,बेहतरीन प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: पिता
तू मेरा महबूब अब ये जिंदगी तेरी
जवाब देंहटाएंखूब गुजरेगी ख़ुदा के पास जाने तक
Bahut hi lajawab sher hai is gazal ka ... Maza aa gaya ...
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन राय का लेन देन - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
वाह ,बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंlatest post प्रिया का एहसास
तू मेरा महबूब अब ये जिंदगी तेरी
जवाब देंहटाएंखूब गुजरेगी ख़ुदा के पास जाने तक.bahut khoob..
दर्द ही बोते रहे अपने बेगाने तक
जवाब देंहटाएंवाह !!
तू मेरा महबूब अब ये जिंदगी तेरी
जवाब देंहटाएंखूब गुजरेगी ख़ुदा के पास जाने तक।
बहुत ही सुंदर शेर। मेरे नए पोस्ट DREAMS ALSO HAVE LIFE पर आपके सुझावो की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी। धन्यवाद।