tag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post4359433702850911750..comments2024-03-28T22:37:31.208-07:00Comments on HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR: अनाथRajesh Kumarihttp://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-76349641623695658322010-06-30T04:41:18.358-07:002010-06-30T04:41:18.358-07:00.....अब न वो अनाथ हैं न मैं अनाथ हूँ !! कविता भावप........अब न वो अनाथ हैं न मैं अनाथ हूँ !! कविता भावपूर्ण है...बधाई......कविता को थोड़ी सी एडिट करने की जरुरत है..वैसे ब्रेकेट में शब्द लिख कर पाठक को समझाने की जरुरत नहीं होती.. शब्दों के थोड़े से संपादन से कविता और भी सुन्दर बन सकती है...मेरी हार्दिक बधाई...दीनदयाल शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07486685825249552436noreply@blogger.com