tag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post2859423390247647617..comments2024-03-28T03:37:51.694-07:00Comments on HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR: कुछ यादगार लम्हेRajesh Kumarihttp://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-44432657778558780682011-05-20T23:58:20.747-07:002011-05-20T23:58:20.747-07:00बहुत सुन्दर कविता. राजेश कुमारी जी, मेरे चिट्ठे पर...बहुत सुन्दर कविता. राजेश कुमारी जी, मेरे चिट्ठे पर आने और आप की सराहना के लिए बहुत धन्यवाद. ;)Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-77483618062961543432011-05-19T10:32:13.800-07:002011-05-19T10:32:13.800-07:00सुन्दर प्रेममयी कविता.सुन्दर प्रेममयी कविता.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-85633538274095216622011-05-19T09:43:13.665-07:002011-05-19T09:43:13.665-07:00सुन्दर भाव प्रस्तुति -समुन्दर की आदत है कुदरत फितर...सुन्दर भाव प्रस्तुति -समुन्दर की आदत है कुदरत फितरत है अपने आप अपना आकार कम ज्यादा कर लेता है ,कभी ज्वार बन तो कभी भाटा ,लहरों को यह बहुत भाता ,इसीलिए आगोश में लिपटने को आतुर दिखतीं हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-26903318392782312612011-05-19T08:33:03.942-07:002011-05-19T08:33:03.942-07:00डर था मर ना जाऊं तेरी आगोश में कंही
फिर भी कुछ ल...डर था मर ना जाऊं तेरी आगोश में कंही <br />फिर भी कुछ लम्हे तुझ में समाना अच्छा लगा!! <br /><br />बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल बहुत ही अच्छा लगा पढ़ करSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/14297388415522127345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-25246787786269405342011-05-19T07:37:48.892-07:002011-05-19T07:37:48.892-07:00बहुत सुंदर...मन के सीधे सच्चे भाव उकेरे हैं आपने.....बहुत सुंदर...मन के सीधे सच्चे भाव उकेरे हैं आपने..संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-65624139564154130482011-05-19T04:38:41.326-07:002011-05-19T04:38:41.326-07:00आसान शब्दों में अच्छी रचना। बहुत सुंदर
कितना खारा...आसान शब्दों में अच्छी रचना। बहुत सुंदर<br /><br />कितना खारा है तू <br />फिर भी लहरों का तुझे<br />चूम के आना अच्छा लगा !महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-38429681025272584202011-05-18T07:50:33.227-07:002011-05-18T07:50:33.227-07:00सीधे शब्दों में आपसे कहे कि हम सबको अच्छा लगा .सीधे शब्दों में आपसे कहे कि हम सबको अच्छा लगा .रेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-39669920836650452742011-05-18T07:47:42.960-07:002011-05-18T07:47:42.960-07:00कितने बवंडर ,कितने तूफ़ान छुपे है तेरे सीने में
फ...कितने बवंडर ,कितने तूफ़ान छुपे है तेरे सीने में <br />फिर भी प्यार से ऊँगली फिराना अच्छा लगा !<br />--<br />बहुत सुन्दर भावप्रणव और मखमली रचना लिखी है आपने!<br />इसे शेयर करने के लिए आभार!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-55955550896025457592011-05-18T03:55:39.170-07:002011-05-18T03:55:39.170-07:00इतनी खुशनुमा तस्वीर देखकर और प्रेम से भरपूर रचना प...इतनी खुशनुमा तस्वीर देखकर और प्रेम से भरपूर रचना पढ़कर , मन उल्लास युक्त हो गया। आपका सौन्दर्य आपकी रचनाओं में झलकता है। 'प्रेम' को परिभाषित करती एक उम्दा कृति।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-37183186847487497442011-05-18T03:48:49.326-07:002011-05-18T03:48:49.326-07:00प्रेम रस मे पगी बहुत ही सुन्दर कविता दिल को छू गयी...प्रेम रस मे पगी बहुत ही सुन्दर कविता दिल को छू गयी।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-21376034427298732432011-05-17T22:39:27.481-07:002011-05-17T22:39:27.481-07:00तेरा अस्तित्व चारों ओर फैला है उतना तो चलना असंभव ...तेरा अस्तित्व चारों ओर फैला है उतना तो चलना असंभव है इसलिये कुछ दूर तो चल ही लें ताकि कुछ चैन मिले करार आये। डर भी लगरहा है डूव न जायें मगर डूवने की इच्छा भी है तो कुछ क्षण ही सही। शानदार प्रस्तुतिBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-72722093804768139322011-05-17T19:11:11.667-07:002011-05-17T19:11:11.667-07:00कितने बवंडर ,कितने तूफ़ान छुपे है तेरे सीने में
...कितने बवंडर ,कितने तूफ़ान छुपे है तेरे सीने में <br /> फिर भी प्यार से ऊँगली फिराना अच्छा लगा !<br /> tumse kuch kahna aur sunna achha lagaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-72672478370643781382011-05-17T11:41:54.916-07:002011-05-17T11:41:54.916-07:00सुन्दर रचना
विवेक जैन vivj2000.blogspot.comसुन्दर रचना<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2084151036771854001.post-63493641670939870352011-05-17T11:37:45.065-07:002011-05-17T11:37:45.065-07:00प्रेम से पगी सुन्दर रचना ..यही कुछ लम्हे जीवन पर...प्रेम से पगी सुन्दर रचना ..यही कुछ लम्हे जीवन पर्यंत साथ रहते हैंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com